रायपुर। धान खरीदी मामले में रमन सिंह ने भूपेश सरकार से सवाल किया है कि केन्द्रों में बेहतर व्यवस्था करने की जिम्मेदारी किसकी है? यहां तो राज्य सरकार केन्द्र सरकार से आग्रह की जगह सीधी लड़ाई करने में लगी है. सीधे तौर केन्द्र को जिम्मेदार ठहरा राज्य सरकार अपनी नाकामी को छिपाने में लगी है. ये अच्छी बात है कि किसानों से धान 25 सौ रुपये समर्थन मूल्य खरीदी जा रही है. लेकिन धान का कोटा बढ़ाने के लिए आग्रह करने की जगह टकराहट दिख रही है.
आज स्थिति ये हैं खरीदी केन्द्रों में व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. बोरे के किल्लत से किसान जुझ रहे हैं. संग्रहण केन्द्रों से न समय पर उठाव हो पा रहा है और न ही परिवहन है. पूरी तरह से खरीदी प्रभावित हो रही है. ऐसे में कैसे किसानों का एक-एक दाना धान सरकार खरीदेगी. और तो और किसानों के घर छापा मारा जा रहा है. सच्चाई ये है कि सरकार किसानों से किए वादें को पूरा कर पाने में विफल है.
आज पूरे प्रदेश में निर्णाम कार्य ठप पड़े हैं. प्रदेश में रोजगार का संकट गहराते जा रहा है. गांवों में पलायन की स्थिति है. सरकार ने व्यवस्था बना नहीं पर रही है. दरअसल 5 साल ठीक तरह से सरकार चलाना तो दूर यहां तो महीने भर में अव्यवस्थित सरकार दिखाई देने लगी हैं.