रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन के लिए गठित क्रियान्वयन समिति की बैठक आज मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित हुई। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए ग्राम स्तर पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के उदेद्श्य से योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राज्य के नदी-नालों में बारहमासी पानी की उपलब्धता, पशुधन के लिए चारागाहों का विकास और गौठानों के निर्माण, पशुधन के मल-मूत्र का जैविक खाद एवं बायोगैस के रूप में विकास और बाड़ी में शाक सब्जियों के उत्पादन एवं व्यवसाय को बढ़ावा देने विभिन्न विभागों के समन्वय से कार्य करने के संबंध में चर्चा की गयी। मुख्य सचिव ने विभागों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए है। प्रत्येक गांव में लगभग तीन एकड़ के क्षेत्र में गोठानों का निर्माण किया जाएगा और उससे लगकर ही लगभग दस एकड़ के क्षेत्र में चारागाह का विकास किया जाएगा।
योजना को मूर्त रूप देने के लिए जल संसाधन, कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, क्रेडा, वन, पशुधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उद्यानिकी, राजस्व विभाग सहित कृषि विश्वविद्यालय रायपुर-अंजोरा को नोडल बनाया गया है। ये सभी विभाग स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाएंगे और योजना का क्रियान्वयन करेंगे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि के.डी.पी. राव, अपर मुख्य सचिव वन सी.के.खेतान, सचिव मुख्यमंत्री गौरव द्विवेदी, सचिव राजस्व एन.के.खाखा, सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी डी.डी. सिंह, सचिव जल संसाधन अविनाश चम्पावत, सचिव नगरीय प्रशासन निरंजनदास, सचिव कृषि हेमंत पहारे, विशेष सचिव सहकारिता रीता शांडिल्य सहित मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा और कृषि विश्वविद्यालय एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।