रायपुर- छत्तीसगढ़ पुलिस ने आनलाइन ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. रायपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने तीन करोड़ रूपए की ठगी करने वाले गिरोह को धर दबोचा है. अंतरराष्ट्रीय नाइजीरियन गैंग ने 24 बैंक एकाउंट के जरिए एक महीने के भीतर 36 ट्रांजेक्शन करते हुए 3 करोड़ रूपए की ठगी की है.

दरअसल सहारा इंडिया में बतौर मैनेजर काम करने वाले प्रदीप बड़ोले ने पुलिस में दर्ज अपनी शिकातय में कहा था कि मवीस जेक नाम के अमेरिकन व्यक्ति ने उन्हें मेल के जरिए संपर्क किया था. जैक ने कहा था कि मानवीय सेवा के लिए 17 लाख डाॅलर एकत्रित किया है, लेकिन तकनीकी कारणों से वह इस राशि को अपने देश नहीं भेज पा रहा है. लिहाजा कस्टम ड्यूटी का भुगतान कर इस राशि को ले ले. जैक ने प्रदीप को इसके लिए 20 फीसदी कमीशन देने का भी वादा किया था. कमीशन के लालच में प्रदीप बोड़ले ने 3 करोड़ रूपए की बड़ी राशि 36 ट्रांजेक्शन के जरिए 26 बैंक खातों में जमा कराया है. ये खाते आईसीआईसीआई बैंक, एक्सीस बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक, बैंक आॅफ इंडिया, केनरा बैंक, इंड्स इंड बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, विजया बैंक के दिल्ली, चेन्नई, राजकोट, विरार, सिलपारा की शाखाओं के हैं.

जालसाली का शिकार होने की आशंका के बाद प्रदीप बोड़ले ने पूरे मामले की शिकायत मौदहापारा थाने में दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर आला अधिकारियों ने मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया था. क्राइम ब्रांच के उप निरीक्षक जितेंद्र वर्मा और मौदहापारा थाने के उप निरीक्षक उत्तम साहू ने मामले की पड़ताल के लिए दिल्ली में डेरा डाला. दिल्ली में हुई विवेचना के बाद टीम विनोद पासवान तक पहुंची, जिसे हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की गई. विनोद ने सिलसिलेवार जानकारी पुलिस की टीम को दी.

पूछताछ के दौरान पुलिस की टीम को ये जानकारी मिली कि फिरोज अहमद, खुस्तर परवेज और नाइजीरियन व्यक्ति फिडेलिस हैरिस उर्फ ड्रे, मार्टिन योबन्ना और बेन के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया है. पुलिस ने तमाम आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने फिलहाल आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भेजा है.

फुटबाॅलर है मार्टिन

पुलिस ने बताया कि नाइजीरिया के पकड़े गए आरोपियों में शामिल मार्टिन योबन्ना  फुटबाॅलर हैं. वह नाइजीरिया के किसी फुटबाॅल क्लब की ओर से खेलता है. लेकिन वह ही इस अंतरराष्ट्रीय गैंग का एक अहम सदस्य है. पुलिस नाइजीरिया के आरोपियों के वीसा की भी पड़ताल कर रही है. इस दिशा में भी जांच जारी है कि नाइजीरियन आरोपी अवैध ढंग से तो देश में नहीं रह रहे थे.