रायपुर। बजट सत्र के दौरान गुरुवार को श्रम विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा में शामिल होने से भाजपा ने इंकार कर दिया. भाजपा की नाराजगी की वजह सरकार द्वारा श्रम विभाग की योजनाओं का नाम परिवर्तन किये जाने से है.

सदन में आज मंत्री शिव कुमार डहरिया के विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा शुरु हुई. पूर्व सरकार ने श्रम विभाग की योजनाओं का नाम दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखा था जिसे वर्तमान सरकार ने बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर कर दिया है. जिसकी वजह से भाजपा ने चर्चा में शामिल होने से इंकार कर दिया. हालांकि भाजपा के सदस्य सदन में इस दौरान मौजूद रहे.

चर्चा में शामिल होने से इंकार करने पर संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने भाजपा विधायकों को आड़े हाथों लिया और कहा कि ये परंपरा आपने शुरु की है. हालांकि संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदस्यों से चर्चा में भाग लेने की अपील की. वहीं विधायक अमरजीत भगत ने चुटकी लेते हुए कहा कि जिस पार्टी का नेता नहीं होगा उसका वही हाल होगा.

उधर मंत्री शिव डहरिया ने कहा विपक्ष के साथी कहते हैं कि हमने नाम परिवर्तन की शुरुआत की. हकीकत यह है कि नाम परिवर्तन की शुरुआत विपक्ष ने की थी. हमने तो उन योजनाओं को फिर से उन्हीं के नाम पर जारी किया है जिनके नाम पर पहले भी थी. नाम परिवर्तन जो किया गया है वह ठीक किया गया है पहले की गलती को सुधार कर हमने ठीक किया है. विपक्ष कटौती प्रस्ताव तो वापस लेगा नहीं इसलिए इसे ध्वनिमत से पारित कराया जाए.