बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय ने कहा है कि पद्मश्री पं.श्यामलाल चतुर्वेदी का सपना पूरा होगा. राजभाषा छत्तीसगढ़ी को केंद्र की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखी जाएगी. यूपीए की सरकार के समय मैथिली को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया था, लेकिन छत्तीसगढ़ी और भोजपुरी इस गौरव से वंचित रह गया है. इस गौरव को दिलाने और बाबूजी का सपना पूरा करने में इस बार कहीं कोई कमी नहीं रहेगी.
दरअसल सोमवार को सरोज पाण्डेय बिलासपुर प्रवास पर थीं. इस दौरान वे पं. श्यामलाल चतुर्वेदी को श्रद्धांजलि उनके निवास पर भी पहुँचीं. पं चतुर्वेदी के निवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया तथा संतप्त परिवार को सांत्वना दी. पं चतुर्वेदी के परिवार ने उन्हें उस पत्र की प्रतिलिपि सौंपी, जिसे उन्होंने 2 अप्रैल 2018 को महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पद्मश्री अलंकरण प्राप्त होने के बाद राष्ट्रपति भवन के सेंट्रल हाल में आयोजित भोज के दौरान सौंपा. पं चतुर्वेदी ने राष्ट्रपति से राजभाषा छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में शामिल कर इसे शिक्षा और सरकारी कामकाज की भाषा बनाने की मांग रखी थी.
आपको बता दे कि पद्मश्री श्यामलाल चतुर्वेदी की अंतिम इच्छा यही रही है कि छत्तीसगढ़ी को छत्तीसगढ़ में उनका पूरा अधिकार मिले. केन्द्र की आठवीं अनुसूची में छत्तीसगढ़ी को शामिल किया और प्रदेश में इसे शिक्षा के साथ सरकारी कामकाज का माध्यम बना दिया जाए. अब सरोज पाण्डेय के आश्वासन के बाद एक बार फिर ढाई करोड़ छत्तीसगढ़वासियों में यह यह आश जगी है कि मोदी सरकार छत्तीसगढ़ी को शीघ्र ही केन्द्र की आठवीं अनुसूची में शामिल कर दिवंगत चतुर्वेदी की अंतिम इच्छा को पूरा करेगी.