रायपुर। शालेय शिक्षाकर्मी संघ द्वारा रायपुर में एक अनूठा कार्यक्रम एक परिचर्चा “मध्यप्रदेश में संविलियन तो छत्तीसगढ़ में क्यों नही का आयोजन रविवार को वृंदावन हॉल में किया गया. इस कार्यक्रम में संविलियन पर खुली बहस थी. कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षाविद , पत्रकार गण सहित निवृत्त आईएएस एवं सचिव स्तर के अधिकारी के साथ कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि विशेष रूप से शामिल हुए.
जिन्होंने संविलियन एवं गुणात्मक शिक्षा में शिक्षक की भूमिका पर अपने विचार रखे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरिभूमि समाचार पत्र समूह के प्रधान संपादक हिमांशू द्विवेदी ने कहा, कि शिक्षाकर्मी नामक व्यव्यस्था समाप्त होनी चाहिए. समान काम के बदले समान वेतन मिलना चाहिए. शिक्षाकर्मियों का मूल विभाग में संविलियन किया जाना चाहिए. अध्यक्षता करते हुए सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी गणेश शंकर मिश्रा ने कहा, कि शिक्षाकर्मी शिक्षा की गुणवत्ता के विकास एवं सुधार में अहम भूमिका निभा रहे हैं. प्रदेश के मैदानी एवं बीहड़ वनांचल क्षेत्रो में शिक्षाकर्मी बेहतर सेवा दे रहे हैं. हमे उम्मीद है कि सरकार बेहतर निर्णय लेगी.
विशिष्ठ अतिथि के रूप उपस्थित छग शालेय शिक्षा आयोग के अध्यक्ष चन्द्रभूषण शर्मा ने कहा, कि शिक्षाकार्मियों का संविलियन किया जाना चाहिए. आयोग ने सरकार के समक्ष संविलियन की मांग को प्रमुखता से रखा है और आगे भी रखेगी. शिक्षाकार्मियों की समस्याओं को हल करने के लिए आयोग सतत प्रयास कर रहा है. शिक्षाविद दानीराम वर्मा, कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा, पत्रकार एवं अधिवक्ता एन डी मानिकपुरी और पत्रकार वैभव शिव ने सभा को संबोधित किया एवं सभी ने ने सविलियंन एवं शिक्षक को सम्मान दिए जाने पर जोर दिया.स्वागत भाषण शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने प्रस्तुत किया, अतिथियों के स्वागत के साथ साथ कार्यक्रम की रूप रेखा पर प्रकाश डाला. आभार प्रदर्शन महासचिव धर्मेश शर्मा ने किया, कार्यक्रम का संचालन प्रंतीय प्रवक्ता, जिला अध्यक्ष बालोद जितेंद्र शर्मा ने किया.