रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रदेश में चुनाव की तैयारियों की शुरुआत हो गई है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रेसवार्ता लेकर पूरे कार्यक्रम की जानकारी दी गई.

प्रदेश में तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लागू कर दी गई है. राज्य में 12 नवंबर को प्रथम चरण में 18 और द्वितीय चरण में 20 नवंबर को 72 सीटों पर मतदान किया जाएगा. प्रथम चरण के लिए 16 अक्टूबर को निर्वाचन की अधिसूचना का प्रकाशन किया जाएगा. नामांकन भरने की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर, नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 24 अक्टूबर, नाम निर्देशन पत्रों की वापसी 26 अक्टूबर होगी.

वहीं दूसरे चरण के लिए 26 अक्टूबर को को निर्वाचन की अधिसूचना का प्रकाशन किया जाएगा. नामांकन भरने की अंतिम तिथि 2 नवंबर, नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 3 नवंबर, नाम निर्देशन पत्रों की वापसी 5 नवंबर होगी. जबकि मतगणना 11 दिसंबर को किया जाएगा. छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने प्रेसवार्ता लेकर निर्वाचन के संबंध में जानकारियां दी.

प्रेस कान्फ्रेंस के मुख्य बिन्दु

  • राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार 5 पिंक बूथ (महिला मतदान केन्द्र) स्थापित किया जाएगा.
  • इलेक्ट्रानिक ट्रांसफर आफ पोस्टल बैलेट सेवा मतदाता को जारी किए जाएंगे.
  • सिविजिल सुविधा समाधान सुगम सभी मोबाइल एप निर्वाचन प्रक्रिया अधिसूचना जारी करने के दिनांक से क्रियाशील हो जाएंगे.
  • प्रत्येक मतदाता केन्द्र में मतदाता सहायता केन्द्र होगा
  • इस बार निर्वाचन में EVM मशीन के साथ पहली बार VV PAT का उपयोग किया जाएगा.
  • राज्य में विधानसभा आम निर्वाचन 2018 की तैयारी पूर्ण कर ली गई है.
  • प्रदेश के 27 जिलों के 90 विधानसभा क्षेत्रों में वामपंथ प्रभावित 16 जिले व 18 विधानसभा है.
  • प्रदेश में कुल 1 करोड़ 85 लाख 45 हजार 8 सौ 19 मतदाता हैं. जिनमें 92 लाख 95 हजार 3 सौ एक पुरुष और 92 लाख 49 हजार 4 सौ 59 महिला मतदाता हैं. इनमें से तृतीय लिंग 1 हजार 59 हैं.
  • प्रदेश में कुल 23 हजार 6 सौ मतदान केन्द्र हैं जिनमें 19 हजार 2 सौ ग्रामीण क्षेत्र में व 4 हजार 3 सौ 92 शहरी क्षेत्रों में हैं.
  • प्रदेश में 90 रिटर्निंग ऑफिसर व 180 सहायक रिटर्निंग आफिसर की नियुक्ति कर उन्हें प्रशिक्षित कर दिया गया है. सभी निर्वाचन संबंधी ली गयी परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए.
  • विधानसभा निर्वाचन हेतु पर्याप्त सुरक्षा बल की व्यवस्था की जा रही है.
  • राज्य के मतदाताओं को जागरुक करने के लिए स्वीप कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है.
  • प्रदेश में आदर्श आजार संहिता लागू होने के कार्ण शासकीय खर्च में लगाए गए समस्त होर्डिंग्स सामग्री हटा दिए जाएंगे.
  • शासकीय खर्च पर कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे.
  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28-क के अधीन निर्वाचनों के संचालन के लिए नियोजित समस्त अधिकारी/कर्मचारी परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर समझे जाएंगे और उस समय तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन रहेंगे.
  • चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के पश्चात शासन के मंत्रियों से आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया जाएगा. इस संबंध में किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर उसे गंभीरता से लिया जाएगा.
  • यदि कोई मंत्री चुनाव के कार्य से भ्रमण करते हैं तो शासकीय कर्मचारी तथा अधिकारी उनके साथ नहीं जाएंगे.
  • ऐसे अधिकारियों को छोड़कर जिन्हें ऐसी सभा के आयोजन में कानून एवं  व्यवस्था के लिए, सुरक्षा के लिए या कार्यवाही नोट करने के लिए तैनात किया गया हो. दूसरे अधिकारियों को ऐसी सबा या आयोजन में शामिल नहीं होना चाहिए.
  • कोई भी शासकीय कर्मचारी किसी राजनीतिक आन्दोलन में ना तो भाग लेगा वा उनकी सहायता के लिए चन्दा देगा और ना ही किसी प्रकार का सहयोग देगा.
  • निर्वाचन अभियान में लाउडस्पीकर का उपयोग सभी राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाता है. निर्वाचन प्रयोजनों के लिए आम सभाओं के दौरान स्थिर दशा में अथवा किसी भी प्रकार के वाहनों लगाए गए लाउडस्पीकर या किसी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य प्रतिबंधित रहेगा.
  • सरकारी एवं गैर-सरकारी भवनों तथा निजी भवनों में भवन मालिक के अनुमति के बिना निर्वाचन के प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता अथवा प्रत्याशी निर्वाचन संंबंधी पोस्टर लगाना व नारा लिखने की कार्यवाही प्रतिबंधित है.
  • स्थानीय चुनाव पर प्रतिबंध- विधानसभा आम निर्वाचन 2018 की परिणाम घोषित होने तक सथानीय निर्वाचन (पंचायत व नगरीय निकाय) एवं अन्य निर्वाचन किया जाना निषिद्ध है.
  • स्थानीय निकायों, शासकीय उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं आदि के वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध- निर्वाचन की घोषणा से निर्वाचन के परिणाम घोषित होने तक केन्द्र व राज्य शासन के उपक्रम, संयुक्त क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं, जिला पंचायतों, जनपद पंचायतों, नगर निगम, नगर पालिका व नगर पंचायत एवं विपणन बोर्ड, विपरण संख्याओं, कृषि उपज मंडल समिति या अन्य ऐसे निकाय जिनमें सरकारी वाहनों का उपयोग किया गया हो उनके वाहनों को प्रतिबंधित किया जाएगा.