नई दिल्ली। पीएनबी घोटाला के आरोपी नीरव मोदी के महाराष्ट्र स्थित अलीबाग के बंगले को शुक्रवार को डायनामाइट लगाकर ढहा दिया गया है. नीरव मोदी का बंगला महाराष्ट्र के रायगढ़ के अलीबाग में स्थित था. बंगले को गिराने के लिए मजदूरों ने उसके खंभों में डायनामाइट लगाया और रिमोट कंट्रोल से उड़ा दिया. 25 जनवरी से इस बंगले को तोड़ने की शुरुआत हुई थी. लेकिन बंगला इतना मजबूत था कि इसे तोड़ने में महीनों का समय लगता जिसकी वजह इसे डायनामाइट से उड़ाने का फैसला लिया गया.

तकरीबन सौ करोड़ रुपये की कीमत वाले इस बंगले का नाम रुपन्या था जो किअलीबाग में कीहिम गॉव में समंदर किनारे स्थित था. बंगला गिराने के लिए 50 मजदूर और तकनीशियनों की सेवाएं ली गई. दो दिन तक इसकी तैयारी चली. बंगले के खम्भों और दीवार में कुल 110 छेद बनाये गए. जिसमें तकरीबन 30 किलो डायनामाइट भरा गया. सभी 110 डायनामाइट एक साथ डेटोनेटर से ब्लास्ट किये गए. रायगढ़ जिले के कलेक्टर डॉ विजय सूर्यवंशी ने रिमोट से बटन दबाकर ब्लास्ट किया.

आपको बता दें उच्च न्यायालय ने रायगढ़ जिले के अलीबाग में नीरव मोदी के इस अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था. गौरतलब है इससे पहले 26 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने देश छोड़कर भाग चुके हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़ी 147.72 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी है. जो कि गुजरात के सूरत और महाराष्ट्र के मुंबई की चल-अचल संपत्तियां शामिल हैं. नीरव मोदी की  जब्त की गई संपत्तियों में आठ कारें, संयंत्र और मशीनरी, आभूषणों की खेप, पेटिंग और कुछ इमारतें शामिल हैं.

बता दें पंजाब नेशनल बैंक के साथ की गई 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में नीरव मोदी वांछित है. उनकी समूह कंपनियां भी मामले में आरोपी है. एक अधिकारी के मुताबिक उनकी कंपनियों में फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्रा. लिमिटेड, फायरस्टार इंटरनेशनल प्रा लिमिटेड, राधेशिर ज्वैलरी कंपनी प्रा लि और रिथिम हाउस प्रा. लि. शामिल है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिक निरोधी कानून 2002 के तहत संपत्तियों की कुर्की की है.