रायपुर। पत्रकारों के सवालो के जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया जी की उपस्थिति से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर दिमागी रूप से दबाव बना हुआ है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया ने आज ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और मेरे भाषण के दौरान भी सदन में रहकर काफी समय दिया। हमारे लिये खुशी की बात है कि हमारे प्रभारी पहले लोकसभा सदस्य रहे है, अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे है, राज्यसभा सदस्य है उनके पास बहुत अनुभव है और उन्होने सदन की कार्यवाही में उपस्थित रहकर हम लोगो को इतना समय दिया, उत्साहवपर्धन किया। यह हमारे लिये सौभाग्य की बात है। जहां तक पानी के मामलें की बात है, रमन सरकार एक तरफ किसानों की रबी फसल में धान बोने पर सिंचाई पंप कनेक्शन काटने की बात करती है और दूसरी ओर उद्योगपतियों के द्वारा भूजल का दोहन किया जा रहा है। उद्योगों द्वारा 1000-1000 फीट बोर करके पानी का दोहन किया जा रहा है और भूजल का स्तर गिर रहा है।

प्रदेश में सिचाई की व्यवस्था बेहद खराब है। बस्तर और सरगुजा में सिंचाई की प्रतिशत न्यूनतम है। नारायणपुर और दंतेवाड़ा में जीरो प्रतिशत है, सुकमा में 1 प्रतिशत है, ये सिचाई के आंकड़े है। यहाँ अनेक जिले है, जहाँ पिछले 14-15 वर्षो में भाजपा की सरकार में इन जिलों में सिंचाई का प्रतिशत थोड़ा भी नही बढ़ा है। प्रदेश में सिंचाई की इतनी दुर्भाग्यजनक स्थिति है। जलसंसाधन विभाग महानदी के पानी का समुचित उपयोग नही कर पा रहे है। उद्योगपति के हाथों बेच दिये है। दूसरा अपने हक में फैसला कराने के बजाय छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में लड़ने के बजाय केन्द्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और अभी उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के बीच में विवाद पर अंतराज्यीय जल प्राधिकरण का गठन करा दिया गया है। ये बेहद दुर्भाग्यजनक स्थिति है। राज्य सरकार किसी क्षेत्र में भी लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पायी, जलसंसाधन विभाग का लक्ष्य भी प्राप्त नहीं कर पायी। पशुपालन विभाग में गौशालाओं को करोड़ो-अरबों रूपयें का अनुदान दिया जाता है लेकिन आज तक पशुओं की हालात बद से बदतर हो गयी है। भारतीय जनता पार्टी आज तक गाय के नाम से वोट मांगती रही, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता गाय के नाम से नोट बनाने लगे है। गौहत्या करके मरी हुई गाय के चमड़े, मांस और हड्डी बेचने में कोई गुरेज नहीं कर रहे है। इस प्रकार से गौमाता की कथित सेवा हो रही है।

पत्रकारों के सवालो के जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ महानदी के साढ़े तीन प्रतिशत पानी का ही उपयोग कर रहा है। उड़ीसा उपयोग कर रहा है 14 प्रतिशत। इस प्रकार से देखा जाये तो 82 प्रतिशत पानी ऐसे ही समुद्र में चला जाता है। यहां महानदी में जो बराज बनाये भी है वो उद्योगपति के लिये है, किसानों के लिये नहीं है, निस्तार के लिये नहीं है, पेयजल के लिये नहीं है। ये छत्तीसगढ़ के लिये बेहद ही दुर्भाग्यजनक स्थिति है। एक तरफ मामला ट्रिब्यूनल में चला गया, दूसरा यहां हम लोग पानी के लिये  लड़ भी रहे है, बराज बनाया गया है उद्योगपति के लिये। किसानों के लिये पानी का उपयोग होता तो भी समझ में आता लेकिन सारा पानी उद्योगपति के लिये। एक समोदा डायवर्सन बना था 2003 में, उसमें भी आज तक 15 वर्षो में लवन तक कैनाल भी नहीं बना पाये, जो बलौदाबाजार जिला को जाता। उस पानी का उपयोग भी कैनाल नहीं बनने के कारण किसान नहीं कर पा रहे है। ये रमन सरकार दिशाहीन सरकार है और उद्योगपतियों के हाथों में खेलने वाली सरकार है।