जम्मू-कश्मीर. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले सीआरपीएफ के 44 से अधिक जवान शहीद हो गए है. उरी में सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर में यह सुरक्षाबलों पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है. गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर स्थित अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया. इस हमले के बाद दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अलर्ट जारी किया गया है.

विस्फोटक से लदी गाड़ी ने मारी टक्कर 

जानकारी के मुताबिक विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी लेकर आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले की बस में टक्कर मार दी. बताया जा रहा है कि काफिले की जिस बस को आतंकियों ने निशाना बनाया, उसमें 39 जवान सवार थे. आत्मघाती हमलावर आदिल 2018 में जैश में शामिल हुआ था. हमले के बाद जवानों को तुरंत श्रीनगर के हॉस्पिटल में शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया.

सीआरपीएफ के काफिले में 70 गाड़ियां

हमले में घायल 20 से ज्यादा जवानों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. इनमें से कई जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है. जिस काफिले पर यह हमला हुआ, वह जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था और इसमें 2 हजार से अधिक जवान शामिल थे. सीआरपीएफ के जिस काफिले पर हमला किया गया, उसमें 70 वाहन शामिल थे. इन्हीं में से एक गाड़ी आतंकियों के निशाने पर थी. सीआरपीएफ जवानों का काफिला जम्मू से श्रीनगर आ रहा था. हमले के बारे में सीआरपीएफ के आईजी जुल्फिकार हसन ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस जांच कर रही है. घायल जवानों को अस्पताल शिफ्ट किया गया है और विस्फोट स्थल पर छानबीन की जा रही है.

जैश आतंकी आदिल ने रची साजिश

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. बताया जा रहा है कि आदिल अहमद डार नाम के आतंकी ने इस काफिले पर हमले की साजिश रची थी. जम्मू-कश्मीर सरकार के सलाहकार के विजय कुमार ने बताया कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों की संख्या 44 तक पहुंच गई है.

आदिल पुलवामा के काकापोरा इलाके का रहने वाला है. सीआरपीएफ की 54वीं बटैलियन के जवानों को इस हमले में आतंकियों ने निशाना बनाया. हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के अनुसार, गुरुवार शाम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर अवंतिपोरा के गरीपोरा के पास हमला किया गया.

दक्षिण कश्मीर में अलर्ट, सर्च ऑपरेशन जारी

इस हमले की जानकारी मिलने के बाद तत्काल पुलवामा में मौजूद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की अन्य कंपनियों को अवंतिपोरा भेजा गया. आतंकी वारदात के बाद सेना ने फिलहाल जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर ट्रैफिक बंद करते हुए अवंतिपोरा और आसपास के इलाकों में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है. इसके अलावा पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और श्रीनगर जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है.

नेताओं ने दी ये प्रतिक्रिया

वहीं पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ”पुलवामा में सीआरएएफ जवानों पर हमला घिनौना है. मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं. बहादुर जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा. पूरा देश शहीद जवानों के परिवार के साथ खड़ा है.” उन्होंने आगे लिखा, ”मैंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और टॉप के ऑफिशियल से इस घटना की जानकारी ली है.”

भागवत ने कहा कि जैसे को तैसा जवाब दे सकते हैं. उन्होंने कहा, “हमने आजतक बहुत झेला है. आज भी झेले हैं. जैसे को तैसा उत्तर दे सकते हैं. इससे पहले दो तीन बार दिया है. इसलिए विश्वास बढ़ा है.”

अक्षय कुमार ने इस घटना से सन्न है. उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि और उनके परिवारों को सांत्वना देते हुए कहा है कि हमें इस घटना को भूलने देना नहीं है.

इस पूरे मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गयी है. कांग्रेस पार्टी ने आतंकी हमले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. इसके अलावा अन्य दलों के नेताओं ने इस हमले पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

उमर अब्दुल्ला ने हमले के बाद ट्वीट किया कि इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है, ये एक फिदायीन हमला है. उन्होंने कहा कि घाटी में एक बार फिर 2004-05 जैसा माहौल होता जा रहा है.

प्रियंका गांधी ने कहा, ”मैं जानती हूं इस शोक की घड़ी में सांत्वना के शब्द पर्याप्त नहीं होते, फिर भी शहीद परिवार के पीछे न केवल कांग्रेस बल्कि पूरा देश खड़ा है. जम्मू कश्मीर में आए दिन हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, जो गहरी चिंता का विषय है. मैं सरकार से मांग करती हूं कि इन घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं.”

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, ”इसकी निंदा करने के लिए मेरे पास अल्फाज नहीं हैं. उन शहीदों के परिवार का क्या हाल होगा. उन पर तूफान आ गया है कैसे संभालेंगे वो खुद को. तमाम मुल्क की जमात मिलकर इस मसले का हल निकालें ताकि खून खराबा बंद हो जाएं. सर्जिकल स्ट्राइक से हमें कुछ नहीं मिल रहा बल्कि हमारे जवान शहीद हो रहे हैं. यहां भी कश्मीर में रोज लोग मरते रहते हैं. ये खून खराबे को बंद करने के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियों को इकट्ठा होना चाहिए. एनडीए सरकार के साथ मिलकर रास्त निकालना चाहिए.”