रायपुर। भूपेश कैबिनेट ने पूर्व सरकार की शराबबंदी नीति को लेकर की गई अनुशंसा को खारिज कर दिया. इसके साथ ही राज्य सरकार ने पूर्ण शराबबंदी की वादे को पूरा करने के लिए एक नया अध्ययन दल बनाने की घोषणा कर दी. इस खबर में पूर्व रमन सरकार के पास शराबबंदी को लेकर जो सिफारिशें अध्ययन समिति की ओर से की गई थी उसमें जो सुझाव दिए गए थे वह पढ़ने में जितना दिलचस्प है उनती हैरान भी करते हैं. कांग्रेस सरकार ने इसे हास्यापद बताया है और कहा कि इस रिपोर्ट को पढ़कर लगता है कि इसमें शराबबंदी की ओर कदम कम बिक्री बढ़ाने की ओर ज्यादा दिखते हैं. लिहाजा पूर्व सरकार के समक्ष पेश किए सिफारिशों को खारिज किया जाता है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने कहा कि अब नया अध्ययन दल बनाया जा रहा है जो दो महीने के भीतर पूर्ण शराबबंदी के मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा.
चलिए आपको बताते हैं कि तमिलनाडु, केरल, दिल्ली और झारखंड राज्य के दौरे के बाद आखिर अध्ययन दल की ओर से ये वो 15 सिफारिशें थी जो पूर्व सरकार के समक्ष पेश की गई थी-
1. राज्य में मदिरा विक्रय काउंटर को बढ़ाया जाए. इससे शराब दुकानों में भीड़ को व्यवस्थित किया जा सकता है. ( तर्क- तमिलनाडू में ऐसा किया गया है)
2. आबकारी थाना बनाया जाए. (तर्क-तमिलनाडू और केरल में ऐसी व्यवस्था कर अवैध शराब के कारोबार को रोका जा रहा है)
3. शराब बिक्री से प्राप्त राजस्व का एक हिस्सा शराब नहीं पीने के प्रचार-प्रसार के लिए खर्च किया जाए.
4. शराब की लत से निजात दिलाने के लिए पुनर्वास की व्यवस्था.
5. शराब दुकानों की संख्या में कोई कटौती नहीं किया जाए अर्थात जितनी दुकाने वह यथावत रहे.
6. आबकारी विभाग और राज्य निगम की अलग-अलग संरचना हो.
7. मदिरा दुकान विहीन क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 1 बोतल तक खरीदी की छूट दी जाए.
8. फूटकर शराब विक्रय में सीमावर्ती राज्यों के दर के हिसाब से वृद्धि की जाए.
9. राज्य में देशी मदिरा को प्रतिबंधित कर केवल बियर/वाईन को बढ़ावा दिया जाए.
10. कृषि अधारित बियर/वाईन को बढ़ावा देने से व्यवसायिक फसलों की खेती होगी.
11. बार लायसेंस शुल्क में कमी की जाए इससे पेय कीमतों में कमी आएगी.
12. भारत माता वाहिनी के जरिए पंचायतों में नशा मुक्ति प्रचार अभियान.
13. आबकारी और समाज कल्याण विभाग की ओर से नशामुक्ति हेतु विशेष कार्यक्रम.
14. आबकारी एक्ट में संसोधन.
15. राज्य में मदिरा की अवैध कारोबार रोकने नियंत्रण के लिए अतिरिक्त उड़नदस्ता.
पूर्व सरकार की ओर से गठित किए गए अध्ययन दल में संयोजक डीडी सिंह, सांसद दिनेश कश्यप, कमला पाटले, तात्कालीन विधायक अशोक साहू, तात्कालीन विधायक रोहित साय, पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष विभा राव, पद्मश्री फुलबासन यादव, सीए दीपक बत्रा, डॉ. शशांक गुप्ता, पूर्व चैम्बर अध्यक्ष अमर परवानी, तात्कालीन सदस्य सचिव एपी त्रिपाठी शामिल थे.