संजीव तिवारी, संपादक गुरतुर गोठ डॉट कॉम की रिपोर्ट-
रायपुर। छत्तीसगढ़ में रोज एक नया न्यूज वेबसाईट लांच हो रहा है और इसके चलते लोग कहने लगे हैं कि ये बेबसाईटें बुलबुले की तरह उभर कर सामने आ रहे हैं। कई तो बिना कोई श्रम किए जनसंपर्क और अन्य ई-मेल विज्ञप्तियों को हूबहू अपने न्यूज वेबाईटों में प्रकाशित कर रहे हैं। इसके साथ ही कुछ बड़े समाचार वेबाईटों के समाचारों में थोड़ा रद्दोबदल कर के वेबपोर्टल चलाने का स्टेट्स अपने साथ बनाए हुए हैं। इन सबके साथ ही कुछ ऐसे वेबपोर्टल भी हैं जो अपने निजी संसाधनों से समाचार प्राप्त कर इसे संचालित कर रहे हैं किन्तु इनकी संख्या एकदम न्यून है।
ऐसे सभी वेब पोर्टल सोशल मीडिया में अपने समाचारों को शेयर करते नजर आते हैं, हमारे मोबाईल के व्हाट्सएप प्रतिपल इनके पोस्टों से भुनभुनाते रहता है। हालांकि व्हाट्सएप के इन पोस्टों से एक-दो प्रतिशत पाठक ही इन वेब पोर्टलों की ओर जाता है किन्तु यह आजकल एक फैशन सा हो गया है।
इन परिस्थितियों को देखते हुए हमने छत्तीसगढ़ के कुछ चुनिंदा न्यूज पोर्टलों का विश्लेषण किया। आपको बता दें कि निजी तौर पर वेबसाईटों के आंकड़े और ट्रैफिक के विष्लेषण के लिए गूगल एनालिटिक और एडोब एनालिटिक विश्वसनीय मीटर है। इसीलिए मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में सरकार के द्वारा गूगल एनालिटिक से प्राप्त यूजर संख्या को सरकारी विज्ञापन देने के लिए मुख्य आधार बनाया है।
इन दोनों के अतिरिक्त कुछ मंहगें साफ्टवेयर भी हैं जो प्रतिष्ठित पीआर कम्पनियों के द्वारा उपयोग किए जाते हैं जिससे किसी भी वेबसाईट के ट्रैफिक आंकड़े प्राप्त किए जा सकते हैं। यह जानना भी जरूरी है कि कई वेबसाईट सेवा उपलब्ध कराने वाले अपने ग्राहक को हमेशा भरमाते हैं एवं वेबसाईट के क्लिक को सबकुछ बताते हैं जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। साफ्टवेयर व नेट बाजार में ऐसे फर्जी लोग भी हैं जो क्लिक और अन्य आंकड़ों को अपने वेबसाईट में अपनी मर्जी का दिखाने का जुगाड़ भी देते हैं। गूगल और एडोब एनालिटिक और अन्य प्रतिष्ठित साफ्टवेयर इन सब छद्मों को अनावृत कर देता है। एक पत्रकार पत्रकारिता करे के इन सब झंझटों में पड़े इस गरज से वह अपने वेबसाईट सेवाप्रदाता की बात पर भरोसा करता है। खैर, यह तो चलता ही रहेगा, आज हम आपको छत्तीसगढ़ के चुनिंदा न्यूज पोर्टलों का एलेक्सा विश्लेषण बताते हैं।
एलेक्सा इंटरनेट वेबसाइटों पर यातायात डेटा को क्रमबद्ध तरीके से ऑनलाइन विश्लेषण कर आंकड़े बताती है, यह कैलिफोर्निया स्थित एलेक्सा Amazon.com की एक सहायक व प्रतिष्ठित कंपनी है। यह अपनी कुछ सेवायें मुफ्त में सुलभ रूप से प्रदान करता है जिसमें किसी भी Website का Traffic Statistics कम्प्यूटर उपयोग करना जानने वाला एक सामान्य आदमी भी जान सकता है। इस कड़ी से। यहां हम दिनांक 11.02.2018 को एलेक्सा के द्वारा दिए गए आंकड़ों के हिसाब से क्रमबद्ध सूची दे रहे हैं जिसमें लल्लूराम सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले वेबपोर्टल के रूप में पहले स्थान पर है।
Alaxa Ranking | |||||
Top | Globel | Web Site | India | Bounce | DPV |
Ranking | Ranking | Rate | |||
1 | 417552 | lalluram.com | 24767 | 44.9 | 3.2 |
2 | 547232 | inhnews.in | 35241 | 55.2 | 1.9 |
3 | 660223 | cgkhabar.com | 53612 | 35.9 | 5.3 |
4 | 773772 | glibs.in | 45044 | 44.5 | 2.5 |
5 | 900615 | newpowergame.com | 55035 | 44.1 | 2.1 |
6 | 1273038 | aajkal.com | |||
7 | 1401311 | aamaadmee.com | 71262 | 13 | |
8 | 1801937 | gurturgoth.com | 109765 | 48.1 | 3.5 |
9 | 1849504 | cgwall.com | 110571 | 65.3 | 3.1 |
10 | 1929518 | munaadi.com | 140772 | 79.4 | |
11 | 2881757 | fatafatnews.com | 1444052 | 81.3 | |
12 | 3866064 | raigarhtopnews.com | 62.5 | 1.6 | |
13 | 5214506 | chhattisgarhawaaz.com | 266087 | 81.3 | 1 |
14 | 5702703 | newsexpres.com | 10 | ||
15 | 5801889 | mitaanexpress.com | 63.6 | 4 | |
16 | 6727616 | bhaskarworld.com | 225427 | 33.3 | |
17 | 7550179 | cgaaj.com | 352618 | 27.3 | |
18 | 8987392 | garjachhattisgarhnews.com | |||
19 | 9625796 | khabarchalisa.com | |||
20 | 9782617 | khulasapost.in | |||
21 | 16804809 | jogiexpress.com | 2 | ||
22 | 17,428,541 | npnews.co.in |
बाउंस रेट– मोटे तौर पर समझें तो बाउंस रेट यह बताता है कि वेबसाइट में लोग आये तो किन्तु उनके पसंद की जानकारी नहीं होने या वेबसाइट लोड होने की समस्या के कारण वे तुरंत वापस चले गए। मतलब यह कि ज्यादा बाउंस रेट वेबसाइट की अक्षमता को दर्शाता है और इसकी प्रतिशतता उसके रैंक को कम करता है। यह भी उल्लेखनीय है कि कई वेबसाइट व होस्टिंग सेवाप्रदाता कुकीज और फाल्स ट्रैफिक की व्यवस्था करते हैं जो भारतीय भाषाओं के साइटों में पाठक नहीं सिर्फ बाउंस रेट बढ़ाते हैं।
वेब टेक्नोलॉजी का क्षेत्र विशद है, साइबर एक्सपर्ट के रूप अनेक हैं। आंकड़ों और उपयोक्ता व्यवहारों का गंभीरता से लंबे समय तक अध्ययन से वेब एनालिटिक्स और सोशल मीडिया आडिट का रिपोर्ट बनता है जिसे कई राज्य सरकारें विज्ञापन देनें के लिए अनिवार्य बना रही हैं। इस लिहाज से बुलबुले के तौर पर फूटते न्यूज पोर्टलों को यदि दूर तक सफर तय करना है तो क्लिक का गणित छोड़कर वास्तविक और नियमित पाठक की ओर ध्यान देना ज्यादा जरूरी होगा।
हमने यहां ऐसे वेबपोर्टलों को नहीं लिया है जिनके दैनिक प्रिंट वर्जन भी हैं। उपर दिए गए रैंकिंग क्रम वाले सूची में हो सकता है बहुत सारे वेबपोर्टल छूट गए हों, वो ऐसे पोर्टल हैं जिनकी जानकारी हमें नहीं है या उनके वेब सेवाप्रदाओं नें सुरक्षा के लिहाज से अपना डेटा छुपाया हो।
इसके बावजूद कोई पोर्टल छूट गया हो तो वे एलेक्सा से यहां (इस कड़ी को क्लिक कर) पूछ सकते हैं कि वे कितने पानी में हैं ??
साभार : हांका( news.gurturgoth.com)