रायपुर. छत्तीसगढ़ में ‘गुड गवर्नेंस इनिशिएटिव्ह मॉडल ग्राम पंचायत’ कार्यक्रम लागू किया गया है. इसे मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और दस्तावेजों की सुलभ उपलब्धता के साथ ही सोशल ऑडिट को सरल करने लागू किया है. योजना के तहत हर जिले के तीन पंयातों को मॉडल के रूप में तैयार किया जाएगा. अपर मुख्य सचिव आरपी मंडल ने कार्यक्रम के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा है. 45 दिनों में छह चरणों में यह कार्यक्रम पूरा होगा. जानकारी के मुताबिक पहले चरण में मॉडल पंचायत के लिए सभी जिलों में तीन-तीन ग्राम पंचायतों का चयन कर लिया गया है. वहां के कार्मिकों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित कर मॉडल ग्राम पंचायत के रूप में तैयार किया जाएगा.

दूसरे चरण में पंचायत सचिवों के मार्गदर्शन एवं सहयोग के लिए तकनीकी सहायक या उप अभियंता को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. तीसरे चरण में अधिकारियों के लिए दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा. चौथे चरण में वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूर्ण होने वाले सभी निर्माण कार्यों की वर्क फाइल बनाई जाएगी.

पांचवें चरण में मॉडल पंचायतों में मनरेगा के तहत जारी सभी जॉब कॉर्डों, रजिस्टरों और वर्क फाइलों को व्यवस्थित रूप से रखा जाएगा. छठवें और अंतिम चरण में सभी मॉडल पंचायतों की समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी.