रायपुर. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही अध्यादेश लाने पर विचार करेगी. यह बात नए साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कही.

लोगों को नए वर्ष की शुभकामनाओं देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कुछ दिनों से चल रहे जिन विषयों पर चर्चा गर्म थी उन पर अपनी सरकार की राय जाहिर की. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया खत्म होने के बाद ही अध्यादेश लाने पर विचार किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने यह कहा कि इस विषय पर न्यायिक प्रक्रिया धीमी रही है, क्योंकि कांग्रेस के अधिवक्ता मामले को लटकाए रखना चाहते हैं. उन्होंने भाजपा के घोषणा पत्र का हवाला देते हुए कहा कि हमने कहा कि इस विषय का समाधान संविधान के दायरे में रहकर निकाला जाना चाहिए.

न्यायालयीन फैसले के बाद लाए तीन तलाक पर अध्यादेश

जब यह सवाल किया गया कि मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक के विषय पर जब सरकार अध्यादेश ला चुकी है, तो राम मंदिर में मुद्दे पर क्या समस्या है. इस सवाल पर मोदी ने कहा कि तीन तलाक पर अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाया गया था. जिलके बाद अब बिल लाया गया है. उन्होंने कहा कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि 70 साल तक इस देश में राज करने वाली पार्टी ने इसे रोकने के लिए भरसक प्रयास किया है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन मसलों पर रोड़ा अटकाने का काम नहीं करना चाहिए, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया को अपना काम करने देना चाहिए.

जिन्होंने कांग्रेस का विरोध किया था आज उनके साथ

2019 में बनने वाली सरकार को लेकर सवाल किए जाने पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह फैसला मैं जनता पर छोड़ देता हूं कि मैने इन सालों में कैसा काम किया है. वहीं कांग्रेस नीत महागठबंधन पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जो पार्टियां आज महागठबंधन में है, वे कांग्रेस का विरोध करके ही आगे आई हैं. वहीं भाजपा ने पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी सहयोगी दलों को साथ लेकर अपनी सरकार चलाई है. वहीं आगस्ता वेस्टलैंड हैलिकॉप्टर घोटाले में बिचौलिए क्रिश्चयन मिशेल के वकील के तौर पर कांग्रेस के कार्यकर्ता के सामने आए जाने पर सवाल करते हुए कहा कि यह चिंताजनक है. राजदार के पकड़े जाने पर तो खुश होना चाहिए था, लेकिन अब आप उनके लिए वकील लगा रहे हो.