मनोज मिश्रेकर,राजनांदगांव. जिले में इन दिनों तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है. भीषण गर्मी के बीच जंगली जानवरों का भी बुरा हाल है. खैरागढ़ वन मंडल क्षेत्र के अंतर्गत गंडई वन परिक्षेत्र में आज सुबह एक प्यासे तेंदुए की मौत हो गई. मामले की सूचना मिलने पर वन अमले ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा कार्रवाई की. वहीं पशु चिकित्सा ने बताया कि तेन्दुए ने एक बंदर खाया है जो पूरी तरह से पच नहीं पाया. इसके बाद उसे प्यास लगी और वह पानी की तलाश में यहां पहुंचने पर संभवतः हार्ट फेल होने की वजह से उसकी मौत हो गई.
दरअसल आज सुबह खैरागढ़ वन मंडल के अंतर्गत गंडई परिक्षेत्र में एक तेंदुए की मौत होने की सूचना वन विभाग को मिली. सूचना के आधार पर वन अमला लवतरा गांव पहुंचा. जहां तालाब से लगभग 300 मीटर की दूरी पर एक मादा तेंदुए का शव पड़ा हुआ था. तेन्दुए के पेट फूलने की वजह से मामला भीषण गर्मी के बीच मौत का प्रतीत हो रहा था. मामले की सूचना वन अमले की टीम ने उच्चाधिकारियों और पशु चिकित्सक को दी. वन विभाग के रेंजर सहित अन्य कर्मचारी भी लवतरा गांव पहुंचे, जहां पंचनामा कार्रवाई करने के बाद पशु चिकित्सक की निगरानी में पोस्टमार्टम कार्रवाई भी की गई.
गंडई वन परिक्षेत्र के लवतरा गांव के तालाब के समीप मिले मादा तेंदुए की उम्र लगभग 4 से 5 वर्ष के बीच बताई जा रही है. वहीं चोट के कोई भी निशान नहीं होने से माना जा रहा है कि भीषण गर्मी की वजह से पानी की तलाश में भटकते हुए तेंदुए की मौत हुई है. पशु चिकित्सा का कहना है कि तेन्दुए ने एक बंदर खाया हुआ है जो पूरी तरह से पच नहीं पाया. इसके बाद उसे प्यास लगी और वह पानी की तलाश में यहां पहुंचने पर संभवत हार्ट फेल होने की वजह से मौत हुई होगी.
इस घटना से जंगल के भीतर जल स्रोत के सूखने का अनुमान भी लगाया जा सकता है. भीषण गर्मी में पानी की तलाश के चलते जंगली जानवरों को आब बस्तियों की और कूच करना पड़ रहा हैं. ऐसे में इंसानी जान माल सहित जानवरों को भी खतरा है.