भिलाई। 26 जुलाई की सुबह यूं तो बाकी दिनों की तरह ही थी. लेकिन यह कुछ सफाई कर्मचारियों और घरों में झाड़ू काम करने जाने वाली महिलाओं के लिए सुखद आश्चर्य लेकर आई. कचरा कलेक्शन के लिए  सफाई मित्र जब एक घर में पहुंचे तो उस घर के बच्चे श्रेयस चौधरी ने उनका फूलों से स्वागत किया.
उन्हें एक थैंक्यू का कार्ड, गिफ्ट और चॉकलेट भेंट किया और कहा आप हमारे गुरु हैं. आप हमें सिखाते हैं कि दूसरों के द्वारा किए गए गंदगी को साफ करने में कोई बुराई नहीं. काम आखिर काम होता है. आज गुरु  पूर्णिमा पर मैं आपको प्रणाम करता हूं.
ऐसे ही एक घर में जब काम करने वाली महिला उस घर में पहुंची तो उस घर की बच्ची अयाति बिजोरिया ने उनका स्वागत फूलों से किया और उन्हें गिफ्ट और चॉकलेट देकर उन्हें प्रणाम किया. यह काम ट्विनसिटी के एक-दो बच्चों ने नहीं बल्कि 40 बच्चों ने किया. यह सारे बच्चे प्रगति नगर रिसाली स्थित शाश्वत संगीत अकादमी के छात्र-छात्राएं हैं. इनकी संगीत गुरु सोनाली चक्रवर्ती जो कि भिलाई नगर निगम की स्वच्छता मिशन की ब्रांड अंबेसडर भी हैं. उन्होंने गुरु पूर्णिमा को सार्थक बनाने का यह अभिनव प्रयास किया.
 सोमा सोनवानी, आदित्य शर्मा, अनिरुद्ध पटेरिया, अनुपमा घोषाल, आस्था त्रिपाठी, कार्तिका तिवारी, अनुष्का साहा, साग्निक हलदर, सायली प्रकाश, आरुषि आठे, करिश्मा, लावण्या वैद्य, हर्षित रे, मृणालिका देवनाथ, सायरी गड़ा, अंतरा चौधरी, पर्णिका जंघेल, विश्वजीत शर्मा, रितु अहिरवार, सलेहा खान, शिल्पी शर्मा, रिमी करण
याशी मौर्य आदि ने गुरु पूर्णिमा को अपने अनोखे ढंग से मनाया. सरिता राठौर मंजू मिश्रा बिपाशा हलदर सोमाली शर्मा मधुरिमा रे नेहा पांडे अपूर्वा शुक्ला ,पी बालाकृष्णन प्रतिमा बाग रितु अहिरवार शुभम वर्धन ने अपने-अपने घरों में सफाई कामगारों का सम्मान कर उन्हें गुरु पूर्णिमा पर अपनी आदरांजली दी.
आयोजन का सबसे मजेदार भाग वह रहा जब बच्चों ने बताया कि सफाई मित्रों ने अपने अपने फोन पर बच्चों के साथ तस्वीरें ली एवं व्हाट्सएप पर साझा किया. माता-पिता एवं अभिभावकों ने इस आयोजन को बच्चों की परवरिश का एक अहम हिस्सा बताया.  शाम को शाश्वत संगीत अकादमी में एकत्रित हो सारे छात्र छात्राओं ने मां सरस्वती की पूजा अर्चना के बाद भजन संध्या की प्रस्तुति दी.  मेरे  प्रिय शिक्षक इस विषय पर सब बच्चों ने आलेख  लिखे.
सोनाली चक्रवर्ती ने बताया कि भारतीय संगीत साहित्य संस्कृति को बढ़ावा देना ही उनका उद्देश्य है. स्वच्छता ही सेवा है यह समझाने के लिए बच्चों को सफाई मित्रों का महत्व समझना होगा इसलिए यह कार्यक्रम किया गया.