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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह बजट ठेक ग्रामीण किसानों का अपना बजट है. बजट में ग्रामीण किसानों की हितकारी छवि दिखाई दे रहा है. किसानों की उम्मीदों में रंग भरने वाला इस बजट को कई मायनों में ऐतिहासिक कहा जा सकता है. क्योंकि भूपेश सरकार ने पहली प्राथमिकता पूरी तरह से गांव और किसानों पर केन्द्रित किया है. भूपेश सरकार बता दिया है कि छत्तीसगढ़ पूरी तरह ग्रमीण भारत का प्रदेश का है. इस प्रदेश की तरक्की या कहिए कि अर्थ व्यवस्था का आधार कृषि है. लिहाजा किसानों की आय बढ़ाने, कृषि विकास के लिए भूपेश सरकार की ओर से 21 हजार करोड़ बजट कृषि विभाग के लिए रखा गया है.
सीएम बघेल ने इसमें सरकार के सूत्र वाक्य नरवा-गरवा-घुरवा-बारी के जरिए गांवों की तरक्की के लिए 1 हजार करोड़ से अधिक बजट रखा है. इसमें गांव के लोगों को रोजगार मुहैय्या कराने इसे मनरेगा से जोड़ा गया है. मतलब किसानों के साथ-साथ गांव और गांव वालों की तरक्की के ढेरों प्रावधान बजट में है.
गांव, खेती और किसान से जुड़ी ये है खास-बातें
कृषि ऋण माफ करने के लिए 5 हजार करोड़ का प्रावधान
गरीब परिवारों को 35 किलो चावल देने के लिए 4 हजार करोड़ का प्रावधान
25 सौ रुपये समर्थन मूल्य के लिए 5 हजार करोड़ का प्रावधान
व्यवसायिक बैकों में बांटे गए 4 हजार करोड़ का अप्लपाकलीन कृषि ऋण माफ
किसानों के 207 करोड़ का सिंचाई कर माफ
किसानों की आय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता
गन्ना किसानों को 10 करोड़ का बोनस दिया जाएगा
मक्का खरीदी की व्यवस्था को पुख्ता किया जाएगा
फसल बीमा योजना में बढ़ोत्तरी
बेमेतरा में नवीन कृषि महाविद्यालय खोला जाएगा
कृषि विकास के लिए 21 हजार करोड़ का प्रावधान
नरवा-गरवा-घुरवा-बारी के लिए 1 हजार करोड़ का प्रावधान