रायपुर।बीजेपी और संघ ने रायपुर कलेक्टर ओपी चौधरी को चुनाव लड़ाने के लिए मना लिया है.  ओपी चौधरी के बेदह करीबी पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक भाजपा की टिकट ओपी चौधरी खरसिया सीट से उम्मीदवार होंगे. सूत्र के मुताबिक ओपी को चुनाव लड़ाने के लिए बीजेपी पिछले कई महीनों से लगातार एक्सरसाइज़ कर रही थी. लेकिन प्रशासनिक सेवा में अपने काम के भरोसे देशभर में सुर्खियां अर्जित करने वाले ओपी कोई ठोस फैसला नहीं ले पा रहे थे. हालांकि राजनीतिक महात्वकांक्षा के चलते वे खरसिया में लगातार सक्रिय रहते थे.

सूत्र का कहना है कि इसी बीच एक बीजेपी नेता ने जब ये ख़बर कुछ पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में बताई तो कुछ लोगों ने उस ख़बर को सार्वजनिक कर दिया. ये और बात है कि कुछ दिन पूर्व ही ओपी ने लल्लूराम राम डॉट कॉम को कहा कि फिलहाल वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. उनका प्रशासनिक सेवा का करियर उनकी पहली प्राथमिकता है. जैसे ही ये ख़बर सामने आई. उनको लाने की कोशिशों में लगे बीजेपी नेताओं के होश उड़ गए.

सूत्रों के मुताबिक इसके बाद फिर से संघ और बीजेपी की ओर से फिर से कोशिशों का सिलसिला शुरु हुआ. इस काम के लिए संघ के करीबी एक अधिकारी की भूमिका अहम रही. बताया जाता है कि ओपी को आश्वस्त किया गया है जिस तरीके से कांग्रेस में अजीत जोगी की जगह थी, बीजेपी में ओपी चौधरी की जगह रहेगी. चुनाव के बाद भी उनकी संगठन में बड़ी भूमिका होगी.

अपने करियर के लिए आश्वासन पाने के बाद ओपी ने अपना मन बदल लिया और वे चुनाव लड़ने को तैयार हो गए हैं. सूत्र के मुताबिक ओपी चौधरी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और बड़े नेताओं की मौजूदगी भाजपा प्रवेश करेंगे.

बीजेपी क्यों लड़ाना चाहती है ओपी को

खरसिया बीजेपी के लिए एक अबूझ पहेली है. जहां से बीजेपी आज तक कभी नहीं जीत पाई. अविभाजित मध्यप्रदेश के बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष 1989 में यहां से चुनाव लड़ हार गए. उससे पहले छत्तीसगढ़ में बीजेपी के सबसे लोकप्रिय नेता रहे दिलीप सिंह जूदेव भी हार गए थे. यहां अर्जुन सिंह के बाद नंदकुमार पटेल लगातार चुनाव जीतते आए हैं. उनकी मौत के बाद पिछले चुनाव में उनके बेटे उमेश पटेल यहां से विजयी हुए थे. बीजेपी के पास ऐसा कोई नेता नहीं है जो उमेश पटेल को जीत दिला सके. इसलिए पिछले कुछ समय से बीजेपी ने मिशन खरसिया पर काम करते हुए ओपी चौधरी को यहां से लड़वाने के लिए ज़मीन तैयार करने का काम किया.

उमेश पटेल की तरह ओपी चौधरी पटेल समुदाय से आते हैं. वे स्थानीय अघरिया पटेल समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. जिनका पूरे विधानसभा में दबदबा है. इसके अलावा वे युवा हैं और प्रशासनिक तौर पर एक सफल नौकरशाह के रुप में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं.

अगर किसी कारण से ओपी फिर अपना मन बदल लेते हैं या परिस्थियां ऐसी होती हैं कि ओपी चौधऱी को टिकट नहीं मिले तो यहां से बीजेपी के तीन अन्य दावेदार हैं- नगर पालिका अध्यक्ष कमल गर्ग, जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश पटेल और बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ जवाहर नायक.