भोपाल। मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मियों से अध्यापक के रूप में संबोधित होने वाले करीब 3 लाख शिक्षाकर्मियों का संविलियन हो गया है. आज शिवराज कैबिनेट में ने मंजूरी दी है. संविलियन होने के बाद शिक्षाकर्मियों अब नियमित शिक्षक बन गए हैं. उन्हें भी नियमित शिक्षकों की भांति पेंशन, ग्रेच्युटी, बीमा, शासकीय आवास, अनुकंपा नियुक्ति जैसी सुविधा मिलेगी. इतना ही नहीं इन अध्यापकों को सरकार सातवां वेतनमान भी देगी, जो 1 जुलाई 2018 से देय होगा. हालांकि सातवें वेतनमान की अब तक की राशि किस रुप में दी जाएगी, यह अभी तय नहीं हो पाया है. मध्यप्रदेश के ढाई लाख अध्यापक इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे. सहायक अध्यापक, अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक के रुप में काम कर रहे अध्यापकों को सातवा वेतनमान मिलने से 4000 रुपए से लेकर 8000 रुपए प्रतिमाह तक का फायदा हो सकता है.
आपको बता दे कि मध्यप्रदेश के शिक्षाकर्मी बीते 22 साल से शिक्षा विभाग में संविलियन की मांग को लेकर आंदोलनरत् थे. इस साल जनवरी में अध्यापकों ने शिवराज सरकार के खिलाफ संविलियन की मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी थी. 13 जनवरी को आजाद अध्यापक संघ की चार महिला अध्यापक और 100 से अधिक अध्यापकों ने जंबूरी मैदान सामूहिक मुंडन कराया था. इस आंदोलन के बाद से चुनावी वर्ष में शिवराज सरकार बेहद घबराई हुई थी. लिहाजा सरकार ने 21 जनवरी को अध्यापकों के साथ चर्चा करने का बाद संविलियन की घोषणा की थी. लेकिन जनवरी से लेकर मई के बीतने तक संविलियन आदेश जारी नहीं होने से अध्यापकों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही थी. इस नाराजगी को देखते हुए शिवराज कैबिनेट ने अध्यापकों की मांग को आखिरी मंजूरी दे ही दी. संविलिनय की मांग पूरी होने के बाद से मध्यप्रदेश के अध्यापकों में खुशी की लहर है.