रायपुर। राजभवन ने भूपेश बघेल को अपनी मातृभाषा में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से रोक दिया था. अब भूपेश विधानसभा में छत्तीसगढ़ी में शपथ लेंगे. बघेल ने विधानसभा सचिवालय को इसकी जानकारी भेज दी है. विधानसभा में मातृभाषा शपथ लेने वाले भूपेश छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री होंगे. भूपेश बघेल का यह कदम ढाई करोड़ छत्तीसगढ़ के वासियों के लिए एक बड़ा कदम होगा. प्रदेश की जनता छत्तीसगढ़ी राजभाषा बनने के बावजूद सरकारी काम-काज और प्राथमिक शिक्षा की भाषा बनाने की लगातार मांग करते रही है. संविधान विशेषज्ञ भी मानते हैं कि किसी भी राज्य की राजभाषा में शपथ लेना संवैधानिक हैं, ऐसा करने से रोककर राजभवन के अधिकारियों ने गलत किया है.

आपको बता दें कि भूपेश बघेल मातृभाषा में ही शपथ लेना चाहते थे लेकिन राजभवन के अधिकारियों ने आठवीं अनुसूची का हवाला दे कर बघेल को ऐसा करने से रोक दिया था. सीएम भूपेश की यह पहल वाकई सराहनीय है, सीएम को मातृभाषा में शपथ लेते देखकर बाकी के मंत्री भी उनका अनुसरण करेंगे और जिस तरह से बघेल मातृभाषा में ही बोलचाल कर रहे हैं उसके बाद एक उम्मीद जगी है कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ी कामकाज की सरकारी भाषा होगी.

राजभवन के अधिकारियों ने किया गुमराह- कांग्रेस

विकास तिवारी

उधर इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने राजभवन के अधिकारियों पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. तिवारी ने कहा कि राजभवन के अधिकारियों को अगर नियमों की अगर जानकारी नहीं थी तो वे संविधान विशेषज्ञों से पूछ सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा न करके छत्तीसगढ़ के लोगों के जज्बात से भी खिलवाड़ किया है. विकास तिवारी ने कहा कि भूपेश बघेल खुद किसान पुत्र हैं और ऐसा मौका पहली बार आ रहा है जब कोई मुख्यमंत्री विधानसभा में छत्तीसगढ़ी में शपथ लेगा.