रायपुर। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने के लिए 5 हजार रुपये सुरक्षा निधि के तौर पर जमा कराने के नियम 81 को असंवैधानिक घोषित करने और निरस्त किये जाने की मांग को लेकर अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने रिट याचिका दाखिल की है. चीफ जस्टिस अजय त्रिपाठी एवं जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच द्वारा रिट याचिका को स्वीकार कर लिया गया है.

अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने रिट याचिका में कहा है कि उच्च न्यायालय बिलासपुर में में आपराधिक मामलों के पक्षकारों द्वारा प्रस्तुत क्रिमिनल अपील, क्रिमिनल रिव्हीजन, सीआरएमपी, रेगुलर जमानत, अग्रिम जमानत एवं अन्य याचिकाओं में किसी भी प्रकार की सुरक्षा निधी की मांग नहीं की जाती है. वहीं जनहित याचिका प्रस्तुत करने के लिए 5 हजार रुपये सुरक्षा निधी की मांग किया जाना पूर्णतः असंवैधानिक एवं निरस्त किये जाने योग्य है. इस रिट याचिका के साथ याचिकाकर्ता ने देश के अन्य राज्यों के उच्च न्यायालयों से सूचना के अधिकार द्वारा प्राप्त दस्तावेजों को भी संलग्न किया है. जिसमें यह उल्लेखित है कि भारत के किसी भी उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिकाओं के लिए सुरक्षा निधी की मांग नहीं की जाती है.

रिट याचिका की सुनवाई के दौरान शासन की ओर से महाअधिवक्ता कनक तिवारी उपस्थित हुए. उन्होंने जवाब प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह देने की मांग न्यायालय से की. अब इस रिट याचिका पर दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी.