पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए और तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर हो रही है. शाम 7 बजे की स्थिति में कोई भी गठबधंन सरकार बनाने की स्थिति में नजर नहीं आ रहा था. एनडीए की 119 सीटों पर बढ़त है, तो महागठबंधन 116 सीटों पर आगे चल रही है. कड़े मुकाबला का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 38 सीट ऐसी हैं, जहां गणना में प्रत्याशियों के बीच एक हजार से कम मतों का अंतर है.

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार की 243 सीटों पर हो रहे चुनाव में 4 सीटें ऐसी हैं, जहां मतगणना में नंबर वन और नंबर टू प्रत्याशी के बीच महज 200 मतों का अंतर, 13 सीटों में 500 मतों का अंतर, 21 सीटों में 1000 मतों का अंतर, 32 सीटों पर 2000 मतों और 48 सीटों पर 3000 मतों से कम मतों का अंतर है. जाहिए है इस कड़े संघर्ष का परिणाम पर भी असर आएगा, इसलिए दोनों ही गठबंधन के कार्यकर्ता खुलकर उत्साह नहीं जता पा रहे हैं.

हनुमान बने चिराग खुद को लगा बैठे आग

अपने आप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान चुनाव में नीतीश कुमार को हराने के लिए उतरे थे. इस लड़ाई में उन्होंने जनता दल यूनाईटेड और भाजपा से टिकट हासिल नहीं कर पाने वाले नेताओं को टिकट देने से परहेज नहीं किया. कई सीटों पर जनता दल यूनाईटेड के प्रत्याशियों के लिए वोट कटवा साबित हुए, लेकिन नीतीश कुमार को सत्ता से दूर करने के चक्कर में खुद एक भी सीट हासिल नहीं कर पाए.

एआईएमआईएम ने हासिल की बड़ी जीत

बिहार विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी ने सबसे ज्यादा चुनाव विश्लेषकों को आश्चर्यचकित किया, वह एआईएमआईएम है. एआईएमआईएम ने पूरे चुनाव को फोकस होकर लड़ी और 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से पांच सीटों पर उन्हें जीत हासिल हुए. यह आंकड़ा भले ही इकाई में नजर आए, लेकिन कांटे की टक्कर में एआईएमआईएम किंग मेकर साबित हो सकती है, और वे अपने मनमर्जी के पद हासिल कर सकते हैं.