विनोद दुबे, रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके सर्व आदिवासी समाज को अब अनुसूचित जाति वर्ग और पिछड़ा वर्ग समाज का भी साथ मिल गया. राजधानी रायपुर में हुई अहम बैठक में तीनों समाज के नेताओं ने तय किया है कि वे साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इसमें तय किया गया है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग की 29 और पिछड़ा वर्ग बाहुल्य 20 सामान्य सीटों पर समाज चुनाव लड़ेगा.

चुनाव की तैयारी और रणनीति को लेकर आज तीनों समाज के पदाधिकारियों की गोंडवाना भवन में बैठक हुई. काफी देर तक चली इस बैठक में यह भी तय किया गया कि मुख्यमंत्री के खिलाफ भी चुनाव लड़ा जाएगा. मतलब राजनांदगांव से सीएम के खिलाफ पिछड़ा वर्ग समाज का चेहरा होगा.

सर्व आदिवासी समाज अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने कहा कि चुनाव को लेकर समाज पूरी तरह से तैयार है. आदिवासी समाज को ओबीसी महासभा और एससी वर्ग का समर्थन भी मिला है. इसके साथ ही किसान मोर्चा भी समाज के साथ हैं. हम पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे. प्रत्याशी चयन को लेकर चर्चा चल रही है. अगस्त महीने प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी.

वहीं आदिवासी समाज के नेता और पूर्व सांसद सोहन पोटाई ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल से समाज को उपेक्षा मिली है. समाज अब खुद चुनाव लड़ने में सक्षम है. समाज चुनाव को लेकर व्यापक रणनीति बना रही है.

जबकि ओबीसी महासभा के शगुन वर्मा ने कहा कि पिछड़ा वर्ग भी विधानसभा चुनाव लड़ने को तैयार है. आज सर्व आदिवासी समाज के साथ पहली बैठक हुई है. बैठक में एक साझा मोर्चा तैयार किया गया है. संयुक्त मोर्चा के साथ मिलकर 20 सामान्य सीटों हम अपने प्रत्याशी उतारेंगे. मुख्यमंत्री के खिलाफ ओबीसी चेहरा को मैदान में उतारा जाएगा.