रायपुर- छत्तीसगढ़ के सभी 10 सांसदों की टिकट कट गई है! दिल्ली में हुई बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से आ रही खबरों की माने तो यह तय किया गया है कि पार्टी किसी भी सिटिंग एमपी को टिकट नहीं देगी. आज हुई बैठक में राज्य की 11 सीटों के उम्मीदवारों के नामों को लेकर चर्चा की गई, लेकिन फिलहाल किसी एक नाम पर भी पूर्ण सहमति नहीं बनने की वजह से आज की बैठक बगैर निर्णय खत्म हो गई. कल होने वाली बैठक में अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा.
इससे पहले भी छत्तीसगढ़ बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवारों के नाम को लेकर आलाकमान से राज्य के नेताओं की चर्चा हुई थी, लेकिन बताते हैं कि केंद्रीय सर्वे और प्रदेश संगठन की ओर से भेजे गए नामों में अंतर होने की वजह से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नए सिरे से नाम लाने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा था कि राज्य के नेता दिल्ली में ही अलग से बैठक कर नाम लेकर आये.
बीजेपी के आला सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय नेतृत्व एक-एक सीट पर कदम फूंक-फूंक कर निर्णय कर रहा है, लिहाजा उम्मीदवारी को लेकर हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक ने किसी भी सांसद को रिपीट नहीं किये जाने पर चर्चा की गई.
चुनाव समिति के इस फैसले के बाद ये तय हो गया है कि रायपुर से रमेश बैस, राजनांदगांव से अभिषेक सिंह, बस्तर से दिनेश कश्यप, जांजगीर चाम्पा से कमला पाटले, महासमुंद से चंदू साहू, रायगढ़ से विष्णुदेव साय, सरगुजा से कमलभान सिंह कोरबा से डॉक्टर बंशीलाल महतो और बिलासपुर से लखन साहू को पार्टी अब रिपीट नहीं करेगी!
तो क्या माना जाए राजनांदगांव से लड़ेंगे डॉक्टर रमन?
सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा आम है कि केंद्रीय नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहता है. संगठन के आला नेता मानते हैं कि रमन ही राजनांदगांव सीट से बीजेपी के उम्मीदवार होंगे. अब सवाल उठता है कि सबसे चर्चित सीट रायपुर से कौन होगा? रमेश बैस इस सीट से लगातार 7 बार सांसद निर्वाचित हुए है. कुर्मी समाज से जुड़े है, लिहाजा जातिगत समीकरणों के रूप में भी जनकी दावेदारी हर बार मजबूत रही है. प्रदेश में कुर्मी समाज की लामबंदी के बीच ये तय माना जा रहा था कि बैस ही बीजेपी से एक बार फिर रायपुर लोकसभा सीट के उम्मीदवार होंगे, लेकिन यदि मौजूदा सांसद को रिपीट नहीं किये जाने की खबरों को सच माने तो बैस की टिकट कट गई. इसी तरह केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय रायगढ़ सीट से लगातार जीत दर्ज करते आये हैं,लेकिन उनकी टिकट पर भी खतरा मंडरा रहा है.
विधानसभा हारे हुए चेहरे, सांसदों के रिश्तेदारों को भी टिकट नहीं
सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय चुनाव समिति ने यह भी फैसला लिया है कि किसी भी मौजूदा सांसदों के रिश्तेदारों को भी टिकट नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा विधानसभा चुनाव हारने वाले चेहरे भी टिकट की दावेदारी से बाहर कर दिए गए हैं.