चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग। भिलाई स्टील प्लांट में हुए हादसे के 8 दिन बाद मृतकों के परिजनों को आज शव सौंपा गया. शवों को लेने आज उनके परिजन व सहकर्मी मर्च्यूरी पहुंचे थे. जहां गमगीन माहौल में आज सभी का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

9 अक्टूबर को बीएसपी के कोक ओवन की बैटरी नंबर 11 में गैस पाइप लाइन में रिपेयरिंग के दौरान ब्लास्ट हो गया था. ब्लास्ट से मौके पर ही 9 कर्मचारियों की मौत हो गई थी. वहीं 14 कर्मचारी घायल हो गए थे. सेक्टर 9 अस्पताल में इलाज के दौरान 5 और कर्मचारियों की मौत हो गई थी.

जिन कर्मचारियों की मौके पर ही मौत हो गई थी उनमें फायर ब्रिगेड के भी 4 कर्मचारी शामिल थे. जिनमें वीएन राजपूर, मलखम प्रसाद, इन्द्रमण दुबे, और देव नारायण हैं. वहीं ईएमडी के गणेश राम, उदय पाण्डेय, संजय चौधरी, केशवराम ध्रुव और अकील अहमद थे. जिनके डीएनए परीक्षण के बाद परिजनों को उनका शव सौंपा गया.

डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट के बाद सौंपा शव

विष्फोट के दौरान जिन 9 कर्मचारियों की मौत हुई थी उनके शव बुरी तरह से जल चुके थे जिन्हें पहचानने में दिक्कतें आ रही थी. 4 शवों को परिजनों ने पहचान लिया था लेकिन कुछ एक शव जलने की वजह इतने ज्यादा विकृत हो चुके थे कि उन्हें पहचानना परिजनों के लिए भी मुश्किल हो रहा था. लिहाजा प्रशासन ने सभी शवों का डीएनए परीक्षण करवाने का निर्णय लिया. डीएनए के लिए फारेंसिक एक्सपर्ट ने बोन और टिश्यू का सेंपल लिया था. वहीं परिजनों का ब्लड सेंपल लिया गया. जिनके डीएनए का मिलान किया गया और आज उनकी रिपोर्ट मिलने पर पुलिस ने मृतकों के परिजनों को उनका शव सौंप दिया.

पहले परिजनों से हुई थी गलत शव की शिनाख्त

पुलिस के मुताबिक हादसे के दूसरे दिन जब मृतकों के शव को परिजनों ने देखा था तो तकरीबन 4 परिजनों ने शव की शिनाख्त कर ली थी लेकिन एक दो शव की पहचान नहीं होने की वजह से सभी शवों का डीएनए किया गया. डीएनए रिपोर्ट आने के बाद सही शव की पहचान हो सकी. इसके पहले परिजनों ने गलत शवों की पहचान की थी.

इस तरह पहुंचे शव लेने

मृतकों के परिजन और उनके सहकर्मी जब शव लेने पहुंचे तो माहौल बेहद गमगीन हो गया. सहकर्मी अपने साथियों के बड़े-बड़े बैनर ट्रकों में लगाकर रखे थे जिनमें उनकी तस्वीरें थी. जिसके पश्चात एक के बाद एक सभी 9 शवों को मर्च्यूरी से बाहर निकाला गया. देखिए तस्वीरों में-