रायपुर। चुनावी वर्ष में नेता एक-दूसरे को खूब चुनौती देने में लगे हैं. नेता भी ये जानते है कि सोशल मीडिया पर दी जाने वाली तमाम चुनौतियाँ धरातल पर धरासाई ही हो जाती है. लेकिन ट्विटर अटैक के इस दौर में निशाना सोशल मीडिया से साधे जा रहे हैं. हर दिन तमाम बड़े नेताओं का ट्विटर वार चल रहा है.
इसी कड़ी में पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को ऐसी चुनौती दे दी है, कि रमन सरकार के 14 साल के विकास पर ही सवाल उठ खड़े हुए हैं. क्योंकि मुख्यमंत्री जो दावों सालो से अंतिम छोर तक के विकास कर रहे हैं अब इसी विकास को ढूँढने की बात भूपेश बघेल ने कर दी है.
जी हाँ पीसीसी अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए यह कहा, कि डॉ. साहब जिस अंतिम छोर तक या अंतिम व्यक्ति तक के विकास की बात कह रहे हैं जरा उसे ढूँढने चलते हैं. मुख्यमंत्री जी इसके समय और तारीख निर्धारित कर लें वे उनके साथ जाकर जरा बीजापुर, सुकमा, कोंटा, नारायणपुर, दंतेवाड़ा के अंतिम छोर में जाकर विकास को देखेंगे. वैसे इसमें बघेल ने एक शर्त भी जोड़ दी है कि उड़नदस्ते में सड़क के रास्ते विकास को देखने चलेंगे.
जाहिर है कि इस तरह के सियासी चुनौतियों का असर सियासी तौर पर ही दिखता है और ट्विटर अटैक बयान-बाजी तक सीमित होकर रह जाते हैं. लेकिन जो प्रश्न इस चुनौती के जरिए पीसीसी अध्यक्ष ने खड़े किए हैं उसका जवाब मुख्यमंत्री की ओर अभी आना बाकी है. हालांकि जब डॉ. साहब देंगे भी या नहीं यह जरूरी नहीं है. लेकिन सवाल उस चुनौती को लेकर है जो भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री को दी है. क्या मुख्यमंत्री इस चुनौती को स्वीकारेंगे ?