रायपुर- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मंदिर-दर्शन के मसले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के बयान को कांग्रेस का चुनावी पाखंड बताया और दुहराया कि कभी मंंदिर नहीं जाने वाले चुनाव के बहाने ही मंदिरों में जाने लगे हैं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष कौशिक ने बघेल द्वारा ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने पर तीखा कटाक्ष कर कहा कि हमारे इतिहास बोध पर उंगली उठाने के पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष खुद तो अपना इतिहास-बोध दुरुस्त कर लें। जिस सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का श्रेय लूटने की बघेल ने नाकाम कोशिश की है, उसका जमीनी सच यह है कि तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल द्वारा इस मंदिर के जीर्णोद्धार की पहल करने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने नाराजगी जताई थी। इतना ही नहीं, तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को इस मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में भारत के संवैधानिक ढांचे की दुहाई देकर जाने से रोकने का प्रयास किया। जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद और सरदार पटेल ने पं. नेहरू की बात नहीं सुनी तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इन दोनों महान विभूतियों से खफा हो गए। जिस कांगे्रस की राजनीतिक विचारधारा मुस्लिम तुष्टिकरण की रही है, उस कांग्रेस के नेताओं को यह भी ज्ञान होना चाहिए कि पं. नेहरू स्वयं को ‘दुर्घटनावश हिंदू बताते थे। इतिहास के अधकचरे ज्ञान के सहारे कांग्रेस लोगों को भ्रमित कर सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का श्रेय लूटने की नाकाम कोशश न करे।
कौशिक ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उस बात पर भी कटाक्ष किया कि कांग्रेस सर्वधर्मसमभाव में यकीन करती है। उन्होंने कहा कि छद्म धर्मनिरपेक्षता की खाल ओढ़कर कांग्रेस हमेशा मुस्लिम तुष्टिकरण का घातक खेल खेलती रही है। जिस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी बताए, जिस पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का मानें, उस कांग्रेस के नेताओं के मुंह से सर्वधर्म समभाव की बातें महज सियासी लफ्फाजी ही साबित होती हैं। उन्होंने नसीहत दी कि पहले कांग्रेस के लोग अपना नजरिया तो स्पष्ट कर लें। अब कांग्रेस के नेता हिन्दुत्व की बातें करके चुनावी राजनीति कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस का यह राजनीतिक पाखंड भी अब कांग्रेस दुर्दिन दूर नहीं कर पाएगा।