रायपुर- भूपेश मंत्रिमंडल के सदस्यों को विभागों के बंटवारे के बाद अब इस बात की चर्चा शुरु हो गई है कि कैबिनेट में किस मंत्री को ज्यादा मलाईदार विभाग मिला है. विभागों के बंटवारे का अध्ययन करने से पता चलता है कि सीएम सहित पांच वरिष्ठ मंत्रियों को सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले विभाग आवंटित किये गये हैं. मान्य परंपराओं के मुताबिक मुख्यमंत्री के बाद गृह मंत्री को सबसे ज्यादा ताकतवर माना जाता है.इस लिहाज से ताम्रध्वज साहू को सबसे महत्वपूर्ण विभाग दिया गया है. उन्हें गृह एवं जेल के अलावा एक और बड़ा विभाग लोक निर्माण विभाग दिया गया है.इतना ही नहीं उन्हें धर्मस्व,पर्यटन एवं संस्कृति जैसा मीडियम लेवल का विभाग भी दिया गया है.इस प्रकार ताम्रध्वज साहू भूपेश बघेल के बाद सबसे ज्यादा वजनदार मंत्री माने जा रहें हैं.
वहीं टी.एस.सिंहदेव को भी महत्वपूर्ण विभाग आवंटित किये गये हैं. हालांकि वित्त विभाग लेने की उनकी इच्छा पूरी नहीं हो पाई,लेकिन उन्हें पंचायत एवं ग्रामीण विकास,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,चिकित्सा शिक्षा,वाणिज्यकर(जीएसटी) जैसे वजनदार विभाग आवंटित किये गये हैं.इसके अलावा उन्हें योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी और 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन जैसे अपेक्षाकृत कमजोर विभागों की जिम्मेदारी भी अतिरिक्त रूप से दी गई है.इस प्रकार टी.एस.सिंहदेव के पास भी बजट के लिहाज से बड़े-बड़े विभाग देकर शक्ति संतुलन बनाया गया है.
रविन्द्र चौबे को भी दो बड़े विभाग आवंटित किये गये हैं.उन्हें कृषि एवं संबंधित विभाग और जलसंसाधन एवं आयाकट जैसे दो बड़े विभागों की जिम्मेदारी दी गई है.इसके अलावा उन्हें संसदीय कार्य और विधि एवं विधायी जैसे मीडियम लेवल का विभाग भी अतिरिक्त तौर पर दिया गया है.कुल मिलाकर चौबे की गिनती भी भूपेश कैबिनेट के वजनदार मंत्रियों में हो रही है.
मोहम्मद अकबर को भी कई महत्वपूर्ण विभाग आवंटित किये गये हैं.इन्हें वन,खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण,परिवहन, आवास एवं पर्यावरण जैसे वजनदार विभाग दिये गये हैं.इस प्रकार उपरोक्त पांचों वरिष्ठ मंत्रियों को बाकी मंत्रियों से अपेक्षाकृत ब़ड़ी जिम्मेदारी दी गई है.
डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम को भी दो बड़े विभागों की जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें स्कूल शिक्षा और आदिम जाति कल्याण,अन्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण जैसे दो महत्वपूर्ण विभाग आवंटित किये गये हैं.इसके अलावा उन्हें सहकारिता जैसे मध्यम विभाग की जिम्मेदारी भी दी गई है.इसी तरह कवासी लखमा को उद्योग और आबकारी जैसे दो बड़े विभाग आवंटित किये गये हैं.
उमेश पटेल को मंत्रिमंडल में मध्यम स्तर की जिम्मेदारी दी गई है. जैसी कि उम्मीद थी उन्हें युवाओं से संबंधित सभी विभाग आवंटित किये गये हैं. उमेश को उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा,कौशल विकास एवं जनशक्ति नियोजन,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अलावा खेल एवं युवा कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
जयसिंह अग्रवाल को भी मध्यम स्तर की जिम्मेदारी दी गई है.हालांकि उन्हें राजस्व एवं आपदा प्रबंधन,पुनर्वास जैसा महत्वपूर्ण विभाग दिया गया है.इसके अलावा पंजीयन एवं स्टाम्प जैसे मध्यम स्तर का विभाग दिया गया है.
अनिला भेड़िया को भी परंपरा के मुताबिक महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी और यह पहले से तय भी था कि उन्हें ये दोनों विभाग मिलेंगे.
डॉ शिव डहरिया को एक बड़ा और एक मध्यम स्तर का विभाग आवंटित किया गया है.उन्हें नगरीय प्रशासन एवं विकास जैसा बड़ा विभाग दिया गया है,लेकिन साथ णें श्रम जैसा अपेक्षाकृत कमजोर विभाग भी दिया गया है.इसी प्रकार गुरु रुद्र कुमार को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी जैसा मध्यम स्तर का विभाग और ग्रामोद्योग जैसा अपेक्षाकृत कमजोर विभाग दिया गया है.कुल मिलाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जहां अनुभवी लोगों को बड़े विभागों की जिम्मेदारी दी है,वहीं नये मंत्रियों को भी एक-एक महत्वपूर्ण विभाग के साथ एक अन्य विभाग की जिम्मेदारी देकर मंत्रिमंडल में बेहतर संतुलन बनाने की कोशिश की है.
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