रायपुर- सत्ता बदलने के साथ ही भले ही निगम,मंडलों में नियुक्त राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन राज्य में चार संस्थाएं ऐसी हैं, जहां बीजेपी सरकार में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से राज्यमंत्री का दर्जा अब भी बरकरार रखा गया है. इनमें छत्तीसगढ़ कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन अध्यक्ष राधाकृष्ण गुप्ता, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध संघ के अध्यक्ष रसिक परमार, छत्तीसगढ़ राज्य वनोपज संघ के अध्यक्ष भरत साय और छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य महासंघ के अध्यक्ष रामकृष्ण धीवर के नाम शामिल हैं, चूंकि यह सभी जनप्रतिनिधि सहकारी चुनावों में जीतकर आए हैं, लिहाज इनका कार्यकाल पांच वर्षों का है. ये सभी जनप्रतिनिधि बीजेपी से जुड़े हुए हैं, लिहाजा पिछली सरकार ने इन्हें उपकृत करने के लिए राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, जो अब भी बरकरार है.

हालांकि इधर कांग्रेस के भीतर इसे लेकर जमकर चर्चा हो रही है. सवाल इस बात को लेकर उठाए जा रहे हैं कि जांजगीर चांपा के पूर्व विधायक मोतीलाल देवांगन बुनकर संघ के अध्यक्ष थे, तो उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा क्यों नहीं दिया गया था? अब जब राज्य में कांग्रेस की सरकार है, तब भी उन्हें यह दर्जा नहीं दिया गया, ऐसे में बीजेपी कार्यकाल में दर्जा प्राप्त चार सहकारी संस्थाओं के अध्यक्षों का राज्यमंत्री का दर्जा बरकरार क्यों रखा गया है.

दरअसल सरकार के सूत्र बताते हैं कि इस दिशा में किसी का ध्यान ही नहीं गया है.