हेडलाइन पर चौंकिए नहीं, ये यकीन करिए। ये सच है। हां सौ टका सच। दरअसल ये छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल है।  यहां कभी भी कुछ भी इस तरह के कारनामे हो सकते हैं। पोरा बाई से लेकर मेरिट सूची बदलने और टॉप टेन के क्रमों में बदलाव जैसे कई बड़े कारनामे यहां बोर्ड एक्जाम घोषित होने के बाद हो चुके हैं। और इसी परंपरा को बनाए रखते हुए एक बार फिर देखने को मिला है। 21 अप्रेल को 10वीं का परिणाम मंत्री के जारी करने  के 50 मिनट पहले ही जारी हो गया था।
स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने 9 बजकर 20 मिनट में नतीजे घोषित किए। लेकिन उसके पहले ही 8.30 मिनट पर एक निजी चैनल और सोशल मीडिया में 10वीं के परिणाम वायरल हो चुके थे। जब मंत्री ने नतीजे घोषित किए तो परिणाम के प्रतिशत लेकर, टॉपरों की लिस्ट, प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्रों की जानकारी सबकुछ सोशल मीडिया में जो वायरल हो रहे थे वहीं था।  पत्रकारों ने जब इसे लेकर शिक्षामंत्री से सवाल किया तो मंत्री खुद हड़बड़ा गए। मंत्री चौंक पड़े और एक नहीं कई बार पूछते रहे हैं ऐसे कैसे हुआ। अधिकारियों से मंत्री जानकारी लेते रहे तो अधिकारियों के बीच भी हड़कंप मच गया। मंत्री तत्काल रिजल्ट लीक होने के मामले के जांच के आदेश दिए। मंत्री केदार कश्यप ने कहा यह गंभीर लापरवाही है। इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई होगी। जांच अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं।