रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री तीर्थ यात्री योजना में IRCTC  पलीता लगाने का कार्य कर रहा है. वह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ के बुजुर्गों को इस योजना के तहत हर बार अलग-अलग धार्मिक स्थलों का दर्शन कराया जाता है. तीर्थ यात्रा के दौरान बुजुर्ग यात्रियों को जो खाना खिलाय़ा जा रहा है वह बेहद ही घटिया किस्म का है. आलम यह है कि बुजुर्ग इसे खाना बिल्कुल भी पसंद नहीं कर रहे हैं. घटिया स्तर का खाना और अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैया की वजह से लोग अब इस योजना से किनारा करना शुरु कर दिया है.

समाज कल्याण विभाग ने इसकी जिम्मेदारी IRCTC को दी है. IRCTC ने टेंडर के माध्यम से यात्रियों के ठहरने और खान पान कि व्यवस्था की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी लेकिन यह निजी कंपनी प्रदेश की जनता को किस क्वालिटी का खाना खिला रही है इसका एक वीडियो सामने आया है.

यह वीडियो 4 अप्रैल को राजधानी रायपुर से कामाख्या गई स्पेशल ट्रेन के यात्रियों का है इस वीडियो में खुद यात्री खाने की क्वालिटी की जानकारी दे रहे हैं. ऐसा नहीं है कि यह कोई पहला मामला हो जब यात्रियों को इस योजना के तहत परेशानी का सामना ना करना पड़ रहा है.

कुछ दिनों पूर्व ही इसी योजना के तहत अमृतसर जा रहे कांकेर के कुछ यात्रियों को IRCTC के अधिकारी और समाज कल्याण विभाग के अधीनस्थ आने वाले यात्रियों के केयरटेकर ने दुर्ग रेलवे स्टेशन में उतार दिया था. मीडिया में इस खबर को आने के बाद अधिकारियों ने यह दावा किया कि जिन यात्रियों को उतारा गया उनका रजिस्ट्रेशन हुआ ही नहीं था लेकिन आज एक बार फिर खाने की क्वालिटी को लेकर आए इस वीडियो ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

दो ठेकेदारों के बीच की लड़ाई

इस मामले में समाज कल्याण विभाग के संचालक संजय अलंग ने इस समस्या के पीछे दो ठेकेदारों के बीच की लड़ाई बताई है. उन्होंने बताया कि पहले एक ही ठेकेदार को जिम्मा मिला था जब से दूसरे ठेकेदार को भी जिम्मा मिला है तो दोनों एक दूसरे के खिलाफ शिकायत करवाते रहते हैं. इससे पहले IRCTC ने इनका भुगतान काटा था और चेतावनी भी दी थी. अगर अब भी इनके खिलाफ शिकायत मिलती है तो इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी

देखिए वीडियो

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