रायपुर– मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी ने कोरबा में साहू समाज को मोदी सरनेम से जोड़कर दिए भाषण पर पलटवार किया है. भूपेश ने ट्वीट कर लिखा कि गुजरात में ‘चायवाला’ यूपी में जाकर ‘गंगा मां का बेटा’, छत्तीसगढ़ में आते ही ‘साहू’ और अंबानी के यहां जाते ही ‘चौकीदार’ साथियों, बहुरुपए से सावधान रहें! क्योंकि जैसे ही सावधानी हटी, वैसे ही पंचवर्षीय दुर्घटना घटी!! जानकारी और जागरूकता ही बचाव है. जय जोहार जय कर्मा माता!

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरबा में मोदी सरनेम को साहू समाज से जोड़ते हुए एक तीर से दो निशाना साधा है. मोदी ने कहा कि उन्होंने(राहुल) एक आरोप लगाया सारे मोदी चोर क्यों है ? अब आप ये बताइए यहां जो साहू समाज है अगर वो गुजरात में होते उनको मोदी कहते. तो क्या सबके सब चोर हैं क्या ? क्या इनकों ये शोभा देता है क्या? ये भाषा बोली जाती है क्या ? ऐसी भाषा बोलने वाले को उखाड़ फेंकना है.

अब आपको बताते हैं कि राहुल गांधी के जिस बयान का जिक्र पीएम मोदी निशाना साधा है वो बयान राहुल ने कब और कहां दिया था. कर्नाटक के कोलार, चित्रदुर्ग और केआर नगर में 13 अप्रैल को चुनावी सभाओं में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि ‘सारे चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं.’ नीरव मोदी, ललित मोदी. उन्होंने कहा कि वे चौकीदार की तरह नहीं बनना चाहेंगे, बल्कि जनता की आवाज बनेंगे. राफेल विमान सौदे का मुद्दा उठाते हुए कोलार में रैली के दौरान उन्होंने कहा था ‘चौकीदार 100 फीसदी चोर है.’ प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने 30 हजार करोड़ रुपये चुराए और उसे अपने ‘चोर दोस्त’ अनिल अंबानी को दे दिया.

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पीएम ने नक्सलवाद पर बोला हमला तो सीएम ने दिया जवाब

कोरबा की सभा में पीएम मोदी ने दंतेवाड़ा नक्सली हमले में विधायक की हत्या और चार जवानों की शहादत को याद किया. इसके बाद कांग्रेस के घोषणा पत्र को ढकोसला बताते हुए क मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने राजद्रोह को खत्म करने की बात कहकर नक्सलियों व आतंकियों को हितैषी होने का प्रमाण दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हाथ विकास से साथ या विनाश के साथ है.

इस हमले का भी सीएम भूपेश बघेल ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि अरे बड़े साहेब! नक्सलवाद पर बोलते समय यह तो बता देते कि नोटबन्दी से कितने नक्सलियों की कमर टूटी? भाइयों-बहनों, पता है न आपको…टूटी भी है कि नहीं टूटी? हम छोटे जरूर हैं साहेब! लेकिन देश के लिए हम पौने तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों का मन गोडसे के वंशजों से बहुत बड़ा है.