रायपुर। तेंदूपत्ता संग्राहक को चरण पादुका पहनाकर पीएम मोदी ने सुर्खियां बटोरी थी. वह चरण पादुका का वितरण छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इस साल नहीं किया जाएगा. इसकी जानकारी खाद्य मंत्री मोहम्मद अकबर ने एक अतारांकित सवाल के जवाब में सदन को दी.

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने मंत्री मोहम्मद अकबर से सवाल किया कि क्या छत्तीसगढ़ शासन ने चरण पादुका योजना को निरस्त कर दिया है? यदि हां तो क्या उसके स्थान पर नगद राशि देने का निर्णय लिया गया है? यदि हां तो दर का निर्धारण प्रति जोड़ी किस आधार पर किया गया है?

जिसके जवाब में खाद्य मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा वर्ष 2019 में तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका वितरण नहीं किये जानेका निर्णय लिया गया है. चरण पादुका वितरण के स्थान पर तेन्दूपत्ता संग्राहकों को नगद राशि देने का औपचारिक निर्णय छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा अभी नहीं लिया गया है?

आपको बता दे कि तत्कालीन रमन सरकार ने इसकी शुरुआत नवंबर 2005 में की थी. इस योजना के तहत तेंदु पत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासी लोगों को राज्य सरकार की तरफ से हर साल एक जोड़ी जूते दिए जाते हैं. शुरुआत में इस योजना के तहत परिवार के सिर्फ एक पुरुष सदस्य को साल में एक जोड़ी जूते दिए जाते थे. 2008 में इस योजना के दायरे में महिलाओं को भी लाया गया. 2008-09 और 2009-10 के दौरान इस योजना के तहत सिर्फ महिलाओं को राज्य सरकार की तरफ से जूते दिए गए. लेकिन, महिलाओं के अनुरोध पर 2013 से उन्हें जूते की जगह चप्पल दिए जा ..