रायपुर। आज देश में शिक्षित युवा बेरोजगारों की संख्या करोड़ों में है. हर साल लाखों युवा तमाम तरह के प्रतियोगी परीक्षा देते हैं. इसमें हजारों युवा चयनित होते हैं और लाखों में विफल.  ऐसे में हजारों युवा हर साल बेरोजगारी की हताशा में कई तरह के गलत कदम उठा लेते हैं, कई तरह के अपराधों में युवा शामिल हो जाते हैं यहां तक मौत को गले भी लगा लेते हैं. ऐसे लाखों युवाओं के लिए एक कुली सबसे बड़े प्रेरणा की तौर पर सामने आए हैं.

केरल निवासी कुली श्रीनाथ आज लाखों युवाओं के लिए किसी रोल मॉडल से कम नहीं है . गरीबी, तंगहाली और बेरोजगारी के बीच कैसे सफलता हासिल की जा सकती है इसका मिशाल है श्रीनाथ. दरअसल केरल के एर्नाकुलम निवासी श्रीनाथ एक शिक्षित युवा है. उन्हें कहीं काम नहीं मिला तो रेल्वे स्टेशन में कुली काम शुरू कर दिया. कुली काम करते-करते श्रीनाथ ने सिविल सर्विस की तैयारी अपनी जारी रखी.

श्रीनाथ की कहानी डिजिटल युग में तकनीक का इस्तेमाल कैसे किया जाता है और स्मार्ट फोन आपके लिए कितना बड़ा काम कर सकता ये भी बताता है. श्रीनाथ एर्नाकुलम स्टेशन में कुली काम करता है. यहां पर वह स्टेशन में लगे फ्री-वाई-फाई की मदद से अपने स्मार्ट फोन इंटनेट चलाता है और इसी की मदद से वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता है.  प्रेरणादायक और खास-बात यह है कि श्रीनाथ इसी के बदौलत केरल पब्लिक सर्विस कमीशन(केपीएससी) की लिखित परीक्षा पास कर ली है.  हैरान करने वाली बात यह कि वे अपना काम करते हुए स्मार्टफोन और ईयरफोन के सहारे पढ़ाई करते रहते हैं.

तीसरी बार में हुए पास

श्रीनाथ का कहना है कि वे तीसरी बार में इस परीक्षा में बैठे हैं। लेकिन पहली बार उन्होंने स्टेशन के वाईफाई का उपयोग किया। उन्होंने बताया कि वे बस अपने ईयरफोन कान में लगाकर अपनी पठन सामग्री सुनता रहते था। फिर लोगों का सामान इधर-उधर पहुंचाने के दौरान दिमाग में ही अपने सवाल हल कर लेते थे। इस तरह वह काम के साथ-साथ पढ़ाई कर सके. उनका कहना है कि स्टेशन में मौजूद वाईफाई ने उनकी तरक्की के रास्ते खोल दिए है. इसके बदौलत वे किताबें खरीदने पर होने वाले एक बड़े खर्च से बच गए। साथ ही   अभ्यास प्रश्नपत्रों को सुलझाने व परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन करने में भी वाईफाई की मदद मिली.
(साभार : हिंदुस्थान लाइव)