बिलासपुर. बिलासपुर लोकसभा के क्लस्टर सम्मेलन में क्लस्टर प्रभारी का जमकर माखौल उड़ाया गया. प्रदेश में कभी कद्दावर मंत्री के रूप में जाने जाने वाले पूर्व नगरी प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल अपनी पार्टी में बेगाने हो चले हैं, अब उनको कोई माइक भी नहीं देता. मंच में कुर्सी जरूर मिल गई, लेकिन माइक छूने का मौका नहीं मिला.

एक समय था जब बड़े बड़े आयोजनों में कई बार केवल अमर अग्रवाल ही माइक में रहते थे, और कई नेता चुप्पी साधे रहते थे, मूकदर्शक बने रहते थे, लेकिन इस बार मंत्री के साथ हैं, और क्लस्टर प्रभारी का इससे बड़ा अपमान क्या होगा कि उनको अपने इलाके में अपने ही विधानसभा में इस तरह से अपमानित होना पड़ा कि उनको केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में बोलने का मौका ही नहीं मिला.सांसदों ने अपनी बात रखी लेकिन क्लस्टर प्रभारी को बोलने का मौका नहीं दिया गया.

निकाले जा रहे अनेक राजनीतिक मायने

इसके कई सारे राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं,  कितने मजबूत होंगे यह आने वाले लोकसभा चुनाव में पता चलेगा, फिलहाल तो यही लग रहा है कि पार्टी में अमर अग्रवाल को तवज्जो नहीं मिल रही है. संगठन ने उनको हारने के बाद भारी भरकम क्लस्टर प्रभारी बना दिया, वहीं माइक थामने के लिए तरस रहे हैं. राजनाथ के कार्यक्रम में अमर अग्रवाल को माइक नहीं मिलने के साथ उनके समर्थक भीम उतार आए और चले गए. स्वयं मंत्री अमर अग्रवाल का चेहरा भी उतरा हुआ था, लेकिन करें तो करें क्या. आखिर केंद्रीय मंत्री के सामने कोई बोलता कैसे की पूर्व मंत्री को माइक दे दो.

भाजपा नेता सवन्नी का दिखा जलवा

माइक के मामले में हाउसिंग बोर्ड के पूर्व चेयरमैन भूपेन्द्र सवन्नी ने जरूर जलवा काट लिया और पूरे टाइम माइक थामे रहे. पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का इस कार्यक्रम में किस तरह माखौल उड़ाया गया उसका अंदाजा इस बात से लगया जा सकता है कि आभार के लिए भी बेलतरा विद्यायक रजनीश सिंह को संगठन ने आगे किया.