रायपुर। राजभाषा छत्तीसगढ़ी को प्राथमिक शिक्षा का माध्यम बनाने के साथ सरकारी कामकाज और रोजागार की भाषा बनाने की मांग को लेकर एमए छत्तीसगढ़ी के छात्रों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. छत्तीसगढ़ी छात्र विकास समिति के बैनर तले छात्रों ने तीन दिवसीय सांकेतिक धरना देकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ईदागाह भाठा मैदान में बीते दो दिनों से छात्र धरना दे रहे हैं.
राज्य सरकार और राजभाषा आयोग के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रहे ये छात्र एमए छत्तीसगढ़ी की डिग्री लेकर बेरोजगार बैठे हुए हैं. छात्रों का आरोप है कि सरकार ने राज्य निर्माण के 18 साल और छत्तीसगढ़ी को राजभाषा दर्जा के देने के 11 साल बाद अब तक इसमें पढ़ाई-लिखाई की भी शुरुआत नहीं की है. सरकार ने छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा तो दो दिया है लेकिन उसमें काम-काज नहीं कर रही है.
छात्र विकास समिति के अध्यक्ष ऋतुराज साहू ने इसे छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़िया समाज का अपमान बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ी के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर करोड़ों रुपये बर्बाद कर रही है. न संस्कृति विभाग की ओर से कोई प्रयास हो रहा है और न राजभाषा आयोग की ओर से. अगर राजभाषा के साथ इसी तरह का खिलवाड़ किया जाना तो फिर आयोग का गठन किया ही क्यों गया है उसे बंद कर दिया जाना चाहिए.