बिलासपुर। प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में बिलासपुर पहुंची. कार्यक्रम में शामिल होने के पहले उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए झीरम आयोग की रिपोर्ट को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मैं कोई पोस्टमेन तो नहीं, जो यहां से रिपोर्ट लेकर वहां पहुंचा दूं. आयोग की रिपोर्ट जब मुझे सौंपी गई, तो मैंने उसे अपने लीगल एडवाइजर से पूछा, तो उन्होंने बताया कि रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाए और मैंने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी.

झीरम घाटी आयोग की रिपोर्ट हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने पिछले दिनों राज्यपाल अनुसुइया उइके को सौंपी थी. उसके बाद से ही लगातार इस मामले में पक्ष विपक्ष आमने-सामने हैं, और दोनों ही पार्टी के बड़े नेता लगातार इस मामले में बयान बाजी के साथ ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.

इस मामले में राज्यपाल ने कहा कि मुझे खुद कुछ नहीं मालूम कि मुझे रिपोर्ट क्यों सौंपी गई है. रिपोर्ट में कुछ ऐसी बात नही है , मैंने उसे पढ़ा भी नहीं था. राज्यपाल ने कहा कि मैं कोई पोस्टमेन तो हूं नहीं जो यहां से लेकर वहां पहुंचा दूं रिपोर्ट. उन्हें रिपोर्ट देना था, तो सीधे दे देते .. मेरे भी कुछ अधिकार हैं और कानून से मिले मुझे मेरे अधिकार का प्रयोग करते हुए मैंने अपने लीगल एडवाइजर से इस मामले में बात की.

उन्होंने मुझे रिपोर्ट सरकार को देने के लिए कहा कि और मैंने रिपोर्ट सरकार को दे दी. मुझे तो रिपोर्ट ओपन ही मिला है, वो रिपोर्ट भी 10 वॉल्यूम में 4 हजार 184 पन्नों का था. मैंने रीगल एडवाइजर के मुताबिक रिपोर्ट सरकार को सौप दी. लीक होने के मामले में राज्यपाल ने कहा कि मुझे लीक वाली बात नहीं मालूम, क्योकि रिपोर्ट मुझे मिली और मैंने सरकार को सौंपी तो लीक कैसे हो गई. ये वही बताए जो लीक की बात कह रहे हैं.

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