रायपुर। शीतकालीन सत्र के चौथे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल द्वारा कल दिये गए बयान पर करारा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कल मुख्यमंत्री कह रहे थे कि हमने अभी फाइलों से धूल हटाई है, मैंने भी कुछ कागजों से धूल हटाई है. डीजीपी का बयान सामने आ रहा है कि अपराधी को जमानत मिल जाये. प्रधानमंत्री को भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव द्वारा लिखा गया एक पत्र मुझे मिला है. मैंने भी धूल हटाकर देखा है जिसमें लिखा गया था कि यही लोग दोनों आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे और अब उनमें से ही एक अधिकारी के अभ्यावेदन पर एसआईटी बिठाई जा रही है. DG नया नियुक्त करना है तो तुरंत नहीं कर सकते तो चालू प्रभार देने का आदेश दे दिया. हटाने के लिए 4 ही कारण हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कैसे हटा सकते तो ये क्षमा मांगने जा रहे. यह राजनीतिक कार्रवाई है. चालू प्रभार दे दिया, क्या DGP को पटवारी समझ रखा है. छत्तीसगढ़ के लोग सीधे साधे हैं. यहां छल कपट की राजनीति नहीं चलती. हमने एक एक पल और एक एक कदम छत्तीसगढ़ के विकास के लिए काम किया है. जो भी जांच, जैसी भी जांच करनी है करवा लें, विपक्ष की राजनीति के साथ हम दम से खड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन नहीं हो रहा. जब योजना के तहत किसी अधिकारी को लाया जाता है तो छग में ऐसी छल कपट की राजनीति नहीं चलेगी। हमने काम किया है. इसलिए हौसले से कहता हूं  जो भी जैसी भी जांच हो. हम सरकार के गलत कदमों का विरोध करते रहेंगे.  सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन नहीं हो रहा. जब योजना के तहत किसी अधिकारी को लाया जाता है  तो छग में ऐसी छल कपट की राजनीति नहीं चलेगी. हमने काम किया है इसलिए हौसले से कहता हूं  जो भी जैसी भी जांच हो. हम सरकार के गलत कदमों का विरोध करते रहेंगे.

इससे पहले उन्होंने आज नक्सलवाद से अपनी बात शुरु की. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी लड़ाई आज छग लड़ रहा है. नक्सल नीति में परिवर्तन होगा तो 50 साल इस समस्या को राज्य झेलेगा. नक्सलवाद के लिए सही नीति लाना चाहिए. कौन है जो इसमें बात के लिए आता है.  बात भर करते. कई लोग उनको क्रांतिकारी साथी कहते. मैं सचेत करना चाहता हूं इसमें लंबे समय की कार्ययोजना बनाकर काम करने की जरूरत है. हमारी सरकार थी तो पीछे खदेड़ा है उनको. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बस्तर आये. आपके भी सभी मंत्री को वहां जाना चाहिए. विकास तब तक अधूरा है जब तक पूरी शांति न आये. इस पर गम्भीरता से लेते हुए बात करें. कठोरता से काम करना होगा वहां जाना भी होगा. बिना जाए वोट तो ले सकते पर जाना होगा.

रमन सिंह ने शराब के मसले पर कहा कि शराबबन्दी की दिशा में क्रमबद्ध काम हमने किया. मुझे लगता जिस मुद्दे पर महिलाओं का शत प्रतिशत वोट मिला है तो इस दिशा में कदम उठाने में देर नहीं करना चाहिए. आपने वादा किया. हमारी ही नीति पर काम करना था तो अपना घोषणा पत्र अलग क्यों बनाया. आपको वादा पूरा करना चाहिए. शराबबन्दी पे नीतिगत फैसला ले लिया है इतना ही बोल देते कम से कम. न किसानों को बोनस दिख रहा न कर्जमाफी. जनता ने वायदे पर भरोसा किया पर 6 महीने बाद कलई खुल जाएगी.  बिजली बिल हाफ की बात की 440 वॉट का करंट लगेगा तब पता चलेगा.

रमन सिंह ने कहा कि सरकार बने 25 दिन हुए ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी अराजकता की. सारे वर्क आर्डर कैंसल करके 40 से 50 हजार करोड़ के काम ठप्प कर पैसे वापस बुला रहे. सारे काम ठप्प कर दिए गए. ठेकेदार भाग रहे. कम से कम जो काम चालू थे वो सारे ठप्प कर दिए चालू रखते. 15 साल में छग को धीरे धीरे विकास शूरू किया था. वहीं आउट सोर्सिंग के मामले में उन्होंने कहा कि मुझे दूसरी चिंता हो रही आउट सोर्सिंग की बात पर. कभी देखा साइंस गणित के टीचर बस्तर सरगुजा गए. उनको निकाल देंगे बता रहे तो क्या स्कूल बंद कर दोगे?

डॉ रमन सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान हुए काम का जिक्र करते हुए कहा कि  छत्तीसगढ़ में निर्माण के बाद से जितना रेलवे पर काम नहीं हुआ उससे ज्यादा हमने अपनी सरकार के दौरान किया था लेकिन आज इन योजनाओं के ऊपर काले बादल गहरा गए हैं. इस मॉडल को अन्य राज्य फॉलो कर रहे हैं.इस मॉडल को आगे बढ़ाने की जरूरत है. ये राज्य हित के लिए है. ये नई पीढ़ी के लिए है. ये मेरे या आपके लिए नहीं है. इस प्रोजेक्ट के लिए विजन के साथ काम करने वाले व्यक्ति की जरूरत है.

उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 25 दिनों में सरकार के लक्षण सामने आने लगे हैं. सरकार किस दिशा में जाएगी ये समझ आ रहा है. नान मसले में उन्होंने कहा कि दुनिया के इतिहास में आज तक कहीं नहीं हुआ होगा, जिस व्यक्ति के ऊपर आरोप है, जिसकी जमानत खारिज हो गई है. उस व्यक्ति के अभ्यावेदन पर कैबिनेट एसआईटी का गठन कर रही है. ये छत्तीसगढ़ में एक परंपरा बन जाएगी. उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी को पहले दिन ही निलम्बित कर दिया.  ईओडब्ल्यू न्यायालय में जाकर कह रहा है कि न्यायालय की कार्यवाही को स्थगित करने का आग्रह कर रहा है. जिस 113 पन्नों को आधार बनाया गया है, उसकी जांच हो चुकी है. लोक आयुक्त के पास जांच लंबित है. जिसे जांच की कमान सौपी गई है उसकी प्रतिभा से लोग वाकिफ है.