पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। नक्सल प्रभावित गरियाबंद जिले में नक्सलियों के आमदरफ्त की खबर के बीच बगैर किसी अनहोनी के मतदान संपन्न हो गया है. आमामोरा व ओढ़ से शांतिपूर्ण मतदान करवा कर 14 मतदान कर्मियों का दल वापस लौट आया है, 200 से ज्यादा जवान भी मतदान के बाद वापस लौट आए हैं. एसपी एमआर अहिरे ने टीम वर्क को इसका श्रेय दिया है वहीं कलेक्टर श्याम धावड़े ने कहा उन जवानों के जज्बे को सलाम जिन्होंने विषम परिस्थितियों के बावजूद मैदान में डटे रहे. हालांकि ओढ़ में 54.98 प्रतिशत का मतदान हुआ जबकि आमामोरा में 692 मतदाताओं में से केवल 15 लोगो ने मतदान किया.

70 घण्टे डटे रहे 228 जवान

इस पूरे अभियान में जिला पुलिस में नक्सल ऑपरेशन पर अहम भूमिका निभाने वाली ई-31 के 90 जवान व अफसर,सीआरपीएफ व कोबरा बटालियन के कुल 228 जवान शामिल रहे। 15 अप्रैल को शाम 5:30को जवानों ने आमामोरा पहाड़ी के लिये कूच किया. 70 घण्टे डटे रहने के बाद, 19 अप्रैल की शाम वापस लौटे.

इंटेलीजेंस सूचना पर बनाया रोड मैप

बस्तर व ओडिशा के पहले चरण के चुनाव खत्म होते ही आमामोरा के पहाड़ी व ओडिशा सीमा पर भारी तदाद में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना एसपी को मिली थी. इसके साथ ही आवाजाही वाले मार्गो में में आईईडी लगे होने की सूचना पर रणनीति बनाई गई और जवानों को आम रास्तों की बजाय दूसरे रास्तों से भेजा गया. वहीं नक्सलियों की जानकारी जुटाने के लिए दो-दो ड्रोन कैमरों की भी मदद ली गई. ओढ़ के हेलीपेड को फोर्स ने अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया था. हेलीपेड से आमामोरा तक 8 किमी पैदल चलने वाले मार्ग को भी जवानों ने अपने घेरे में ले लिया. इस तरह सुरक्षित तरीके से मतदान की पूरी प्रकिया संपन्न कराई गई.

नक्सली दहशत से कम हुआ मतदान

आमामोरा में विधान सभा चुनाव के दरम्यान 84 फीसदी मतदान हुआ था. बौखलाए नक्सलियों ने इस बार वोटिंग नही करने मतदाताओ को धमकाया था. लौटे पीठासीन अधिकारी प्रमोद कुमार व उगेश ने भी बताया की नक्सलियों ने मतदाताओं को उंगली काटने की धमकी दी थी जिसकी वजह से आमामोरा में कम मतदान हुआ. एसपी अहिरे ने भी माना की नक्सलियों की मौजूदगी आमामोरा के इर्द गिर्द थी लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की वजह से कोई वारदात नहीं हुई.