रायपुर- सत्ता की कुर्सी पाने के पहले ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जोगी कांग्रेस-बसपा गठबंधन को झटका दिया है. दरअसल इस गठबंधन को यह झटका कुर्सी छिन लिए जाने की वजह से लगा है. मामला सभा से जुड़ा हुआ है. शाह बूथ कार्यकर्ताओं की सभा में शामिल होने दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं. इस दौरान शाह अंबिकापुर, बिलासपुर, जगदलपुर और रायपुर में कार्यकर्ताओं की सभा में शामिल होंगे. इन सभाओं के लिए बीजेपी ने प्रदेश भर के टेंट हाउस से लाखों की तादात में कुर्सियों की बुकिंग कर रखी है.
इधर जोगी कांग्रेस-बसपा के गठबंधन के बाद पहली बड़ी सभा बिलासपुर में 13 अक्टूबर को बुलाई है, जहां बसपा सुप्रीमो मायावती और अजीत जोगी एक मंच से सत्ता की कुर्सी हथियाने का संकल्प लेने वाले हैं. लेकिन उनकी इस सभा में कार्यकर्ताओं के बैठने के लिए कुर्सियां नहीं मिली. चूंकि सभा का ऐलान पहले ही किया जा चुका था, लिहाजा मौके की नजाकत देखते हुए कुर्सियों का अरेंजमेंट नागपुर से किया जा रहा है.
20-25 रूपए की कुर्सियों के लिए देने पड़े 60 रूपए
अब जब मुसीबत आ ही गई तो ऐसे में जोगी कांग्रेस-बसपा की इस सभा के लिए दोगुना पैसे देने की नौबत आ गई है. सूत्र बताते हैं कि नागपुर से जिन कुर्सियों का इंतजाम किया जा रहा है उसके लिए प्रति कुर्सी 60 रूपए की दर दी जा रही है, जबकि छत्तीसगढ़ में टेंट हाउस में यह कुर्सियां महज 20 से 25 रूपए में मिल जाती है. ट्रांसपोर्टेशन कास्ट की वजह से यह कुर्सियां जोगी कांग्रेस-बसपा को ज्यादा दर पर मिल रही है.
लखनऊ से आया छह ट्रक सामान
मायावती-अजीत जोगी की इस सभा के लिए दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. बताया जा रहा है कि सभा में इस्तेमाल होने वाला साउंड सिस्टम भी लखनऊ से बुलाया गया है. संगठन से जुड़े नेता बताते हैं कि छह ट्रक सामान बिलासपुर पहुंच चुका है. इधर बताया जा रहा है कि मायावती की सुरक्षा के लिए भी पुख्ता चाक चौबंद व्यवस्था की जा रही है. करीब एक दर्जन से ज्यादा सुरक्षाकर्मी बिलासपुर पहुंच चुके हैं.