रायपुर। महाराष्ट्र के वर्धा जिला स्थित हिंगणघाट से लाखों की ठगी कर फरार हुए बंटी-बबली की तलाशी में महाराष्ट्र पुलिस ने राजधानी रायपुर में अपना डेरा डाला हुआ है. महाराष्ट्र पुलिस ने ठग दंपत्ति के रिश्तेदार के यहां छापामार कार्रवाई की लेकिन इसकी भनक लगते ही फरार हो गए.

मामला 5-6 साल पुराना है हिंगणघाट के रहने वाले जावेद अजानी ने नागपुर में अपने दोस्त हैदर डोसानी से 35 लाख रुपए उधार लिए थे. जावेद ने यह पैसा व्यापार में इन्वेस्टमेंट के नाम पर लिया था और दोस्त से वादा किया था कि वह प्राफिट में उसे हिस्सा देगा. इधर जावेद पैसा लेकर दुबई चला गया और वहां जाने के बाद न तो उसने प्रौफिट में किसी तरह का कोई हिस्सा ही उसे दिया न ही मूल रकम.

5-6 साल बाद जब जावेद भारत आया तो इसकी जानकारी हैदर को हुई कि वह अपनी पत्नी नविता के साथ उसके मायके में है. जिसके बाद हैदर रायपुर आया जहां मई 2016 में दोनों के बीच समझौता हुआ कि वह जनवरी 2017 तक सारा पैसा वापस लौटा देगा. समझौते के अनुसार अगर जावेद पैसा वापस नहीं लौटा पाया तो वह हिंगणघाट में मौजूद अपना घर उसे दे देगा जिसे बेचकर हैदर अपना पैसे की वसूली कर लेगा. इसके लिए जावेद ने अपने घर की पावर आफ अटार्नी डोसानी को दे दी. लेकिन जनवरी तक जावेद ने पैसा नहीं दिया.

जब पावर आफ अटार्नी के तहत डोसानी मकान पर काबिज होने पहुंचा तो उसके पैरों तले जमीन ही खिसक गई. उसे पता चला कि जावेद की पत्नी नविता के नाम पर पावर आफ अटार्नी जावेद ने दी थी और उसने 40 लाख रुपए में किसी और व्यक्ति को बेच दी. मामले की शिकायत हैदर ने दिसंबर 2017 में हिंगणघाट थाना में की.

मामले की जांच कर रही पुलिस को उनके रायपुर में छिपे होने की जानकारी मिली. जिसके बाद हिंगणघाट पुलिस तीन दिन तक राजधानी में आरोपियों की पतासाजी में लगी रही. पुलिस जब तक आरोपियों के ठिकाने तक पहुंच पाती उससे पहले ही वे फरार हो गए.