रायपुर। लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में मुकाबला चौकीदार बनाम छोटा आदमी के बीच हो चला है. यहां भाजपा के लिए जहां चेहरा चौकीदार नरेन्द्र मोदी का है तो कांग्रेस के लिए छोटा आदमी भूपेश बघेल. इसके पीछे वजह भी बेहद साफ है क्योंकि विधानसभा में करारी हार के बाद चौकीदार रमन सिंह का चेहरा धूमिल हो गया है तो रिकार्ड जीत के साथ भूपेश बघेल ही कांग्रेस के नायक हो गए हैं. अब इन सबके बीच जहां देश में नरेन्द्र मोदी के चौकीदार बनने के बाद बीजेपी के नेताओं में चौकीदार बनने की होड़ लग गई, तो वहीं कांग्रेस में रमन सिंह के बयान ने भूपेश बघेल को छोटा आदमी बना दिया है. लेकिन यही छोटा आदमी वाला बयान अब भूपेश बघेल के साथ कांग्रेस के लिए हथियार बन गया है. और प्रदेश में मुकाबला चौकीदार बनाम छोटा आदमी के बीच हो चला है.

पहले चरण में बस्तर की सीट पर मतदान के बाद छत्तीसगढ़ में लोकसभा का चुनाव परवान चढ़ने लगा है. धुआँधार कांग्रेस और भाजपा के नेता प्रचार कर रहे हैं, चुनावी सभा कर रहे हैं. भाजपा ने एक बार फिर विधानसभा की तरह ही पीएम नरेन्द्र मोदी और योगी से लेकर तमाम स्टार प्रचारकों झोंक दिया है तो वहीं कांग्रेस में अभी इंतजार राहुल और प्रियंका का है. देश की तरह यहां भी मुकाबले में भाजपा के प्रत्याशियों की जगह चौकीदार नरेन्द्र मोदी ही. क्योंकि भाजपा के तमाम स्टार प्रचारक मोदी के नाम पर ही वोट मांग रहे हैं. यहां तीन बार के मुख्यमंत्री रमन सिंह भी अब चुनावी पिच्चर से गायब हैं लोगों को बस चौकीदार नरेन्द्र मोदी का ही चेहरा बीजेपी वाले दिखा रहे हैं. खुद रमन सिंह ने भी एक ऐसा बयान दे डाले हैं जिसके बाद यहां मुकाबला चौकीदार बनाम छोटा आदमी का हो गया है. दरअसल रमन सिंह ने भूपेश बघेल को छोटा आदमी कहा था. हालांकि बाद में उन्होंने यू-टर्न लेते हुए कहा कि उन्होंने छोटे मन से काम नहीं होने की बात कही थी.

रमन सिंह का छोटा आदमी वाला बयान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ कांग्रेस के लिए हथियार बन गया है. ठीक उसी तरह से जैसे नरेन्द्र मोदी ने गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस के एक नेता की ओर से नीच शब्द कहे जाने के बाद उसे हथियार बना लिया था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब हर सभाओं में खुद को छोटा आदमी बताकर बीजेपी और मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वे बता रहे हैं कि हां वे छोटा आदमी हैं, किसान पुत्र हैं, माटी पुत्र हैं. एक छोटा आदमी ही आम आदमी के दर्द को समझ सकता है. जिन्होंने खुद को बड़ा आदमी समझने की कोशिश की उसे उनके अंहकार ने परास्त कर दिया है. भूपेश बघेल ने तो ट्विटर हैंडल पर अपने नाम के आगे ही छोटा आदमी लिख लिया है.

इसी तरह यहां लोकसभा चुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है. लेकिन चौकीदार बनाम छोटा आदमी के साथ.  ये और बात है कि भाजपा भूपेश बघेल की सत्ता को यहां पूरी से नकार कर चल रही है. यही नहीं विधानसभा में बुरी हार के बाद से बीजेपी को यह लगने लगा है कि मीडिया एजेंडा सेट कर चल रही है. चौकीदार बनाम छोटा आदमी का नारा बीजेपी वालों को मीडिया की देन नजर आ रही है. लेकिन हकीकत ये है कि उनके अपने नेता और स्टार प्रचारक रमन सिंह यह बयान देकर ही फंस गए हैं. लिहाजा बीजेपी का इसका ठीकरा मीडिया पर फोड़ना चाहती है. ये और बात है कि रमन सिंह अब भूपेश बघेल को छोटा आदमी कहने से बच रहे हैं. तो ऐसे में सबकी निगाहें छत्तीसगढ़ में अब चौकीदार बनाम छोटा आदमी पर ही जा टिकी है. सब इसी इंतजार में हैं प्रदेश में जीत किसकी होती है नरेन्द्र मोदी की भूपेश बघेल की. क्योंकि छत्तीसगढ़ के चुनाव में चेहरा तो भाजपा और कांग्रेस में यही दोनों ही हैं.