• राज्य में सत्ताविरोधी लहर से बचने के प्रयास में जुटी बीजेपी लोकसभा चुनाव 2019 में मध्यप्रदेश के अपने 12 मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं देने का मन बना रही है.

  • वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में देश में चल रही मोदी की लहर के चलते बीजेपी को प्रदेश की 29 में से 27 सीटें मिली थी.

भोपाल. राज्य में सत्ताविरोधी लहर से बचने के प्रयास में जुटी बीजेपी लोकसभा चुनाव 2019 में मध्यप्रदेश के अपने 12 मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं देने का मन बना रही है. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, “पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति मध्य प्रदेश से पार्टी के 12 से अधिक वर्तमान सांसदों का टिकट काटने पर विचार कर रही है.”

उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर में मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 15 साल बाद कांग्रेस के हाथों हार मिली. उस दौरान पार्टी के उस सर्वेक्षण को अनदेखा कर दिया गया जिसमें सिफारिश की गई थी कि प्रदेश के 165 विधायकों में से कम से कम 80 को उनके खराब प्रदर्शन एवं सत्ता विरोधी लहर के चलते टिकट न दिया जाए.

उन्होंने कहा, “सर्वेक्षण की अनदेखी महंगी पड़ी और पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में हमें हार मिली. कांग्रेस 15 साल बाद मध्य प्रदेश में सत्ता में आयी. शिवराज सिंह चौहान सरकार के 13 मंत्रियों को भी हार का सामना करना पड़ा था.” बीजेपी नेता ने कहा, “हम वह गलती दोबारा नहीं करेंगे. हमने लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तैयारी कर ली है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दूसरी बार सत्ता में लाएंगे.”

वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में देश में चल रही मोदी की लहर के चलते बीजेपी को प्रदेश की 29 में से 27 सीटें मिली थी. तब कांग्रेस सिर्फ गुना और छिंदवाड़ा सीटें बचा सकी थी. छिंदवाड़ा से मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ जीते थे, जबकि गुना से सिंधिया राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया. ये दोनों सीटें कांग्रेस की गढ़ कहलाते हैं. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने अपने 18 सांसदों को दुबारा चुनावी मैदान में नहीं उतारा था.