संतोष गुप्ता, जशपुर–  एक आदिवासी दिव्यांग बेरोजगार पचास हजार रुपए का ऋण स्वीकृति के लिए पिछले एक साल से संबंधित बैंक व कार्यालय का चक्कर काट रहा है, लेकिन अब तक उसे लोन नहीं मिल पाया है. जिले के बगीचा विकासखंड के ग्राम रौनी का रहने वाला दिव्यांग झिरमन बैगा साल 2018 में जिला मुख्यालय स्थित जिला अंत्याव्यवसायी विकास समिति मर्यादित जशपुर में आदिवासी स्वरोजगार योजना के तहत लोन के लिए आवेदन किया था. दोनों पैर से दिव्यांग झिरमन बैगा लोन लेकर अपने गांव में किराना दुकान खोलकर अपने परिवार का पालन पोषण करना चाहता है लेकिन सिस्टम के आगे वो लाचार है.

बेरोजगार आदिवासी दिव्यांग ने बताया कि पचास हजार रुपए के लोन के लिए जशपुर व छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक बगीचा कई बार चक्कर काट चुका है, लेकिन अब तक उसे लोन नहीं मिल पाया है. उसने बताया कि वह किसी तरह से बैशाखी के सहारे चल पाता है जिसकी वजह से घर से दूर बस में यात्रा करने के लिए दो लोगों को अपने साथ लेकर चलना पड़ता है. जब वह लोन संबंधी जानकारी लेने के लिए जशपुर स्थित जिला अन्तयावसायी सहकारी विकिस समिति कार्यालय पहुंचा था उस दौरान भी उसके साथ तीन लोग साथ में थे.

अंत्याव्यवसायी के फिल्ड ऑफिसर योगेश ध्रुव ने बताया कि 2018 के जुलाई महीने में आवदेन दिया था. उसके आवेदन को स्वीकृति के लिए बैंक भेज दिया था. वहां से स्वीकृति आ गया है. अभी उनका सब्सिडी 10 हजार रुपए ग्रामीण बैंक बगीचा में प्रेषित कर दिया है. बाकी अग्रिम कार्रवाई बैंक द्वारा की जाएगी.