रायपुर। छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार के मुखिया से लेकर मंत्री खुद को सहज रखना चाहते हैं. वे आम लोगों से आत्मीयता से मिलना चाहते हैं. लेकिन पद का अहंकार कई अधिकारियों पर इतना होता कि वही खुद को सरकार समझने लगते हैं. ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि प्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस का वीडियो जो वायरल हो रहा है बेहद शर्मसार करने वाला है.

इस वायरल वीडियो में वरिष्ठ आईएएस चौकीदार को धमकाते, बच्चों को डराते और डंडे से मारते दिख रहे हैं. यहां तक वे कह रहे हैं कि अगली बार…ऐसा कुछ दिखा तो यहीं गाड़ देंगे. यह वायरल वीडियो तेलीबांधा तलाब का है. जहां वरिष्ठ आईएएस सुबह-सुबह सैर पर निकले थे. तभी उन्होंने वहाँ कुछ बच्चों को मछली पकड़ते देखा. गरीब बच्चों को इस स्थिति में देखकर किसी को भी दया आए जाए…लेकिन अंहकार से भरे बच्चों को मछली पकड़ते देख गुस्से से आग-बबूला हो गए. उन्होंने बच्चों को डराते हुए वहां भगा दिया, फिर तेलीबांधा तलाब की सुरक्षा में तैनात चौकीदार को बुलाया उसे खूब-खरी खोटी सुनाया…यहां तक डंडा भी चलाया. और तो और यह भी बोलते हुए गए कि अगली बार फिर ऐसा कुछ दिखा तो यहीं गाड़ देंगे.

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समझ से परे हैं कि अतिरिक्त मुख्य सचिव पद आसीन एक अधिकारी का ऐसा रवैया हो सकता है. लेकिन ऐसा हुआ. आगे इस वीडियो में जिस चौकीदार को धमकाया उसने क्या कहा वह भी सुनिए..

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गुस्से में मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था

इस वायल वीडियो पर जब हमने अतिरिक्त मुख्य सचिव आर पी मंडल से बात की तो उन्होंने कहा कि तेलीबांधा तलाब में मछली पकड़ना प्रतिबंधित है और वहां पर मैंने देखा कि कुछ लोग मछली पकड़ रहे थे, तो मैंने उन्हें रोका. इस दौरान वहां सुरक्षा कर्मी मौजूद था, लेकिन वो अपनी ड्यूटी ठीक तरीके से नहीं कर रहा था. लिहाजा मुझे गुस्सा आ गया. इस दौरान गुस्से में मैंने उन्हें डांटा भी, लेकिन डंडे मारने वाली बात पूरी तरह से झूठ है. फिर भी मैं मानता हूं कि मुझे ज्यादा गुस्सा नहीं करना चाहिए था. मुझे अपनी भाषा पे संयम बरतनी चाहिए थी. लेकिन तालाब की सुरक्षा पर भी ड्यूटी कर्मी को ध्यान देना चाहिए.