बिलासपुर। वित्त विभाग ने प्रदेश के कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक का आदेश जारी किया है. छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ ने इस आदेश को निरस्त करने की मांग की है. इस मांग को लेकर सोमवार को प्रदेश के सभी जिलों में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने बताया कि वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश कर्मचारियों पर आर्थिक आघात है. साथ ही न्याय संगत भी नहीं है, क्योंकि वेतन वृध्दि पर रोक कोई भी आरोप साबित होने पर दंड के रूप में रोकी जाती है, छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों को किस बात का दंड दिया है यह समझ से परे है.

तिवारी ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में ज्ञापन सौंपा गया है. हमें उम्मीद है की उक्त कर्मचारी विरोधी आदेश को शासन निरस्त करेगी. कोरोना सक्रमण के कारण अपनी जान जोखिम में डालकर कर्मचारी सेवा दे रहे हैं, उनको प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है ना कि वेतन काटकर हतोसाहित करने की. संघ ने कोरोना योद्धाओं के लिए शासन से 50 लाख के सुरक्षा बीमा की भी मांग की है. यदि वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक का आदेश निरस्त नहीं होता तो संघ सड़क पर उतर कर आंदोलन के लिए बाध्य होगा.

कोरोना वायरस के चलते जिले में धारा 144 लगी हुई है. इसलिए शासन की गाईड लाईन का पालन करते हुए ज्ञापन सौंपा गया है. बिलासपुर में अतिरिक्त कलेक्टर पंकज डाहिरे ने ज्ञापन लिया. इस दौरान संघ के जिला अध्यक्ष सुनील यादव, वर्षा रानी चरण, प्रमोद दुबे, सुदीत्प दत्ता सहित पदाधिकारी उपस्थित थे.