रायपुर। अनुपूरक बजट में चर्चा के दौरान सदन का माहौल कुछ देर के लिए गरमा गया और विपक्ष ने सत्ता पक्ष के हंसी पर अपमान बताते हुए हंगामा शुरु कर दिया और वेल तक पहुंच गए. दरअसल सीएम के भाषण के दौरान हंगामा करते हुए विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया था. वाकआउट के कुछ देर बाद जब विपक्ष वापस लौटा तो सत्ता पक्ष की ओर से हंसी की आवाज सुनाई दी. हंसी की आवाज सुनकर विधायक बृजमोहन अग्रवाल नाराज हो गए. उन्होंने अध्यक्ष से इसे अपमानजनक बताते हुए कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि हमारी खिल्ली उड़ाना सदन और अध्यक्ष का अपमान है. ऐसा होगा तो हम सदन में नहीं आएंगे. जिसके बाद विपक्ष वेल में उतरकर विरोध करने लगा.

भाजपा के सभी विधायक गर्भगृह में धरने पर बैठ गए. गर्भगृह में घुसकर हंगामा करने की वजह से विधायक स्वमेव निलंबित हो गए. हंगामे के बीच अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया. सदन की कार्यवाही जब दुबारा शुरु हुई तो आसंदी ने विधायकों से कहा कि सदस्य एक दूसरे के मान-सम्मान और गरिमा को बनाये रखें. जिसके बाद आसंदी ने बीजेपी विधायकों का निलंबन समाप्त कर दिया.

संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे अपनी जगह पर उठकर खड़े हो गए और कहा कि यदि सदन के किसी सदस्य को ठेस पहुंचा हो तो मैं संसदीय कार्य मंत्री होने के नाते पहले खेद व्यक्त करता हूं. मैं सभी मंत्रियों समेत सदस्यों से ये अपेक्षा करता हूं कि गरिमा का ख्याल रखें. हम मिलजुलकर सदन को बेहतर ढंग से चलाएं.

मंत्री चौबे के बाद बृजमोहन अग्रवाल मामले का जिक्र करते हुए बेहद भावुक हो गए और उनकी आंखें डबडबा गईं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान हमने सदन में प्रवेश किया तब हमारी खिल्ली उड़ाई गई. मैं 29 सालों के अपने विधायकी में ऐसा अपमान कभी नहीं देखा. मेरे मुंह से भी ऐसे शब्द निकले जो मुझे नहीं कहना चाहिए था. सदन के सदस्यों के साथ यदि ऐसा अपमान होगा तो हम सदन की उच्च परम्पराओं को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे.