रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा हुई. चर्चा में शामिल होते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि युवाओं और महिलाओं के लिए बजट में कोई कार्ययोजना दिखाई नहीं देती है. जिससे कि किसान को उनके पैरों पर खड़ा किया जा सके. इसे लेकर कोई कार्ययोजना बजट में नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य की लगातार देनदारियां बढ़ रही है. वित्तीय कुप्रबंधन की स्थिति है. मुझे लगता है कि दो डीजीपी की चर्चा केवल छत्तीसगढ़ में है. एक डीजीपी को नक्सल प्रभावित क्षेत्र के पुलिस कर्मचारी रिपोर्ट करें और गैर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के पुलिस कर्मी दूसरे डीजीपी को रिपोर्ट करें.

धरमलाल कौशिक ने कहा ऐसे कई निर्णय सामने आ रहे हैं जहां मुख्यमंत्री के निर्देश न मानने पर अधिकारियों का तबादला कर दिया गया. पश्चिम बंगाल में एक अधिकारी ने ऐसी ही व्यवस्थाओ से परेशान होकर सुसाइड कर लिया था. हम नही चाहते छत्तीसगढ़ में भी ऐसे हालात बने. भूपेश बघेल फ़िल्म नायक की तरह एक दिन के मुख्यमंत्री नहीं है. 5 साल के लिए है हम ये मानते हैं. छत्तीसगढ़ निर्माण के वक़्त बिजली के पैमाने पर हम सरप्लस स्टेट बन गए, लेकिन सरप्लस स्टेट में लोड शेडिंग की आवश्यकता क्यों हो रही है? बिजली कटौती क्यों की जा रही है?

उन्होंने कहा मुख्यमंत्री से हम उम्मीद करते हैं कि घरेलू उपभोक्ता के अलावा उन किसानों के लिए जिनके पास एक पम्प के अतिरिक्त दूसरा पम्प है, उनके लिए भी बिजली हाफ करने की घोषणा कर दी जाए. रेत के दाम में वृद्धि का मामला उठाते हुए उन्होंने कहा कि रेत में वृद्धि की वजह से लोग कितने परेशान रहे हैं ये हमने देखा है. ये तब सम्भव हो पाया जब रेत खदान का संचालन पंचायतों के हाथों दिया गया. दूसरे प्रदेशों में रेत की कीमत आसमान छू रही है लेकिन छत्तीसगढ़ में ये कम कीमत पर बिक रहा है लेकिन इसका संचालन सीएमडीसी को देने के बाद खदान के ऑक्शन की वजह से इसका संचालन रेत माफियाओं के हाथों चला जाएगा.

कौशिक ने कहा कि एससी-एसटी के लिए बनाये गए प्राधिकरणों की बैठक नहीं हो रही है. मोबाइल बांटे जाने की योजना को लेकर सवाल उठाया गया कि जहां कवरेज नहीं है वहां भी बांट दिए गए. हम उस इलाके को नेटवर्क से जोड़ना चाहते थे. जगदलपुर, बिलासपुर, रायगढ़ में एयर कनेक्टिविटी को लेकर काफी पैसा खर्च किया जा चुका है. इसे जल्द शुरू किया जा सकता है. सरकार की नियत और नियति में अंतर नजर आ रहा है.