विनोद दुबे, रायपुर। दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनावी शोर थम गया है. प्रदेश की चौथी विधानसभा के लिए कई दिग्गजों का भविष्य दांव पर लगा है. जिनके भाग्य का फैसला जनता 20 नवंबर को करने जा रही है. इस चुनाव में भाजपा चौथी बार सरकार बनाने के लिए मैदान पर है वहीं कांग्रेस अपने 15 साल का वनवास खत्म कर पाएगी या नहीं उसके साथ ही नव उदित पार्टी जोगी कांग्रेस के भी भाग्य का फैसला जनता जनार्दन के हाथों में है.  इस बार का चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है कि इस चुनाव में जोगी परिवार के अलावा विधानसभा अध्यक्ष सहित 5 पार्टियों के अध्यक्षों, 9 मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, पूर्व नेता प्रतिपक्ष और सबसे वरिष्ठ विधायक के भाग्या का फैसला होना है.

आईये जानते हैं किन-किन दिग्गजों का भविष्य दांव पर है-

विधानसभा अध्यक्ष-  कसडोल विधानसभा सीट से भाजपा के दिग्गज  नेता और विधानसभा अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने उनके खिलाफ सामाजिक समीकरणों को आधार बनाते हुए एक युवा महिला प्रत्याशी शकुंतला साहू को मैदान में उतारा है. शकुंतला साहू वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं.

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष- भाजपा ने बिल्हा विधानसभा सीट से अपने प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक को मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ कांग्रेस ने युवा उम्मीदवार राजेन्द्र शुक्ला को चुनाव में उतारा है. राजेन्द्र शुक्ला पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रहे हैं. इन दोनों के समीकरणों को बिगाड़ने और सक्षम दिखाई देने वाले कांग्रेस से चुनकर आने वाले सियाराम कौशिक जनता कांग्रेस से उन्हें बड़ी चुनौती देते नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष- कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को उनकी परंपरागत सीट दुर्ग जिले के पाटन से उतारा है. भाजपा ने उनके मुकाबले में अपने प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू को टिकट दिया है.

जनता कांग्रेस अध्यक्ष- पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी अपनी परंपरागत सीट मरवाही से चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि इससे पहले वे राजनांदगांव और कसडोल से विधानसभा अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके थे. मरवाही से जोगी के खिलाफ कांग्रेस ने गुलाब राज को, बीजेपी ने पूर्व मंत्री भंवर सिंह पोर्ते की पोती अर्चना पोर्ते को मैदान में उतारा है.

अजीत जोगी के साथ-साथ उनकी पत्नी रेणु जोगी कोटा से और बसपा से चुनाव लड़ रही उनकी बहु ऋचा जोगी अकलतरा से चुनाव लड़ रही हैं. जोगी के साथ-साथ इन दोनों का भविष्य भी दांव पर लगा है.

गोंगपा अध्यक्ष- छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की आदिवासी सीटों में अपना प्रभाव रखने वाली गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम अपनी परंपरागत सीट पाली-तानाखार सीट से एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. गोंगपा का इस बार छत्तीसगढ़ में समाजवादी पार्टी से गठबंधन है. इसका फायदा कुछ हद तक हीरासिंह मरकाम को मिल सकता है. हीरासिंह मरकाम के खिलाफ बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर घर वापसी करने वाले लगातार तीन बार से विधायक रामदयाल उइके को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने मोहित केरकट्टा को उतारा है.

बसपा अध्यक्ष- नवागढ़ विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश बाचपेई चुनाव लड़ रहे हैं. बाचपेई बीजेपी के दिग्गज नेता और वरिष्ठ मंत्री व लगातार अजेय बने हुए दयाल दास बघेल के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. यहां से कांग्रेस ने युवा चेहरा गुरु दयाल बंजारे को टिकट दी है.

आप संयोजक- छत्तीसगढ़ में पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने अपने राज्य संयोजक डॉ संकेत ठाकुर को भी चुनाव मैदान में उतारा है. डॉ संकेत ठाकुर रायपुर ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. यहां उनका मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों से है.

सांसद– प्रदेश से एक मात्र सांसद ताम्रध्वज साहू भी इस चुनावी समर में अपनी किस्मत अजमा रहे हैं. उन्हें कांग्रेस ने दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट से उतारा है. यहां से पहले कुर्मी समाज की और पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर को कांग्रेस ने टिकट दी थी लेकिन बाद में सामाजिक समीकरणों के चलते कांग्रेस ने उनकी टिकट को काट दिया था. यहां उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री जागेश्वर साहू से होगा. भाजपा ने एक मात्र मंत्री रमशीला साहू का टिकट काटकर जागेश्वर साहू को दिया है.

नेता प्रतिपक्ष- इस चुनाव में नेता प्रतिपक्ष और सरगुजा रियासत के महाराजा टीएस सिंहदेव का भी भविष्य दांव पर लगा है. टीएस सिंहदेव के खिलाफ लगातार दो बार चुनाव हार रहे अनुराग सिंहदेव मैदान में हैं. अनुराग सिंहदेव पूर्व भाजयुमो अध्यक्ष हैं.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष- पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे पिछले चुनाव में हार गए थे इस बार कांग्रेस ने फिर उन्हें उनकी परंपरागत सीट साजा से चुनावी मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला संसदीय सचिव लाभचंद बाफना से है. बाफना ने पिछले चुनाव में उन्हें मात दी थी.

पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी- कलेक्टरी की नौकरी छोड़कर भाजपा प्रवेश कर राजनीति में आने वाले ओम प्रकाश चौधरी खरसिया सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा को ओपी चौधरी से बड़ी उम्मीदें हैं. खरसिया कांग्रेस का गढ़ है और यहां चौधरी का मुकाबला स्वर्गीय नंद कुमार के बेटे और वर्तमान विधायक उमेश पटेल से है.

9 मंत्री- वर्तमान भाजपा सरकार के 9 मंत्रियों का भविष्य भी इस चुनाव में दांव पर है.

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल- बृजमोहन अग्रवाल भाजपा के दिग्गज मंत्री हैं. पार्टी ने उन्हें उनकी परंपरागत सीट रायपुर दक्षिण से एक बार फिर उतारा है. उनके सामने कांग्रेस ने कन्हैया अग्रवाल को टिकट दिया है. कन्हैया अग्रवाल कांग्रेस के व्यापारी प्रकोष्ठ से अध्यक्ष रहे हैं.

मंत्री राजेश मूणत- राजेश मूणत रायपुर पश्चिम से भाजपा के उम्मीदवार हैं. वे लगातार तीन बार से विधायक हैं. उनके सामने कांग्रेस ने एक बार फिर से 2013 में चुनाव हारने वाले विकास उपाध्याय को मैदान में उतारा है.

मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय- भाजपा के दिग्गज नेता, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और दिग्गज मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने उनके सामने युवा चेहरा देवेन्द्र यादव को मैदान में उतारा है. देवेन्द्र यादव नगर पालिका निगम भिलाई के महापौर भी हैं.

मंत्री अजय चंद्राकर- अजय चंद्राकर की गिनती भी भाजपा के दिग्गज मंत्रियों में होती है. उन्हें पार्टी ने एक बार फिर उनकी परंपरागत सीट कुरुद से टिकट दी है. यहां उनका मुकाबला कांग्रेस की महिला प्रत्याशी लक्ष्मीकांता साहू से है. वहीं कांग्रेस के बागी नीलम चंद्राकर भी मैदान में उतरकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिये हैं.

मंत्री पुन्नूलाल मोहले- पुन्नूलाल मोहले को भाजपा ने उनकी परंपरागत सीट मुंगेली से एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है. मोहले सभी चुनाव में पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक बीजेपी के अजेय चेहरा रहे हैं. इनके खिलाफ कांग्रेस ने ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राकेश पात्रे को टिकट दिया है.लेकिन जनता कांग्रेस ने पूर्व विधायक चंद्रभान बारमते को खड़ा कर मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है.

मंत्री रामसेवक पैकरा- प्रतापपुर से भाजपा ने एक बार फिर राम सेवक पैकरा को टिकट दिया है. पैकरा प्रदेश के गृहमंत्री और दिग्गज आदिवासी नेता हैं. यहां से कांग्रेस ने प्रेमसाय सिंह को चुनाव में उतारा है.

मंत्री भैयालाल राजवाड़े- बैकुंठपुर विधानसभा सीट से भाजपा ने भैयालाल राजवाड़े को एक बार फिर चुनाव में उतारा है. यहां से कांग्रेस ने कोरिया राज परिवार की सदस्य अंबिका सिंह को टिकट दिया है. अंबिका सिंह प्रदेश के प्रथम वित्त मंत्री रामचंद्र सिंह देव की भतीजी हैं.

मंत्री अमर अग्रवाल- भाजपा ने अमर अग्रवाल को उनकी परंपरागत सीट बिलासपुर से एक बार फिर चुनाव में उतारा है. मंत्री अग्रवाल बिलासपुर से लगातार 4 बार से विधायक हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस ने युवा चेहरा शैलेष पाण्डेय को उतारा है.

मंत्री दयालदास बघेल- नवागढ़ से भाजपा ने दयालदास बघेल को फिर से चुनाव में उतारा है. वे तीन बार से लगातार विधायक हैं और अनुसूचित जाति वर्ग के बड़े नेता हैं. यहां से कांग्रेस ने गुरु दयाल बंजारे को टिकट दिया है.

वहीं प्रदेश भर की निगाहें जिस चेहरे और सीट पर रहेगी वो है रायपुर ग्रामीण जहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के सबसे वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा मैदान में हैं. उनके खिलाफ भाजपा ने पूर्व विधायक नंदे साहू को टिकट दिया है.