रायपुर- विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में सूबे के मुखिया डाॅ.रमन सिंह कांग्रेस पर जमकर बरसे . 15 सालों से सत्ता की बागडोर संभालने वाले रमन ने अपने भाषण के दौरान कई दफे कांग्रेसियों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने नक्सवाद का ठीकरा कांग्रेस की नीतियों पर फोड़ते हुए कहा कि-70 सालों तक सत्ता में रहने के दौरान यदि एक-एक काम भी किया जाता, तो आज नक्सलवाद नहीं पनपता. उन्होंने कहा कि आज बस्तर में एजुकेशन हब बन रहा है, कलेक्टर कार्यालय बन रहा है. सड़कें, पुल-पुलियां बन रहे हैं. रमन ने कहा कि-बजट पहले भी आता था, लेकिन खर्च नहीं होता था. आज बजट का 35 फीसदी हिस्सा हम उन क्षेत्रों के विकास के लिए खर्च करते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी छत्तीसगढ़ के विकास को धरातल में देखना चाहते हैं, तो रायपुर-दुर्ग नहीं आते, बल्कि दंतेवाड़-बीजापुर को देखना चाहते हैं. आज देश में यदि शिक्षा का बेहतर माॅडल कहीं बना है, तो दंतेवाड़ा का जावंगा है. दंतेवाड़ा में आज बीपीओ की स्थापना हो गई है. पहले हम सिर्प कल्पना करते थे कि बंगलोर और हैदराबाद में ही बीपीओ खुल सकता है. रमन ने कहा कि एक वक्त था जब बस्तर -सरगुजा में एक कल्पना होती थी कि बच्चा पढ़ लिया, तो शिक्षक बनेगा, लेकिन आज मैं देखता हूं कि सुदूर अंचलों के बच्चे भी आईएएस, आईपीएस,आईआरएस बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब एसपी भी बस्तर का होगा, कलेक्टर-सीईओ भी बस्तर का बच्चा बनेगा, डाॅक्टर भी कोई होगा, तो बस्तर का बच्चा ही बड़ा होकर बनेगा. प्रशासनिक व्यवस्था उन इलाकों के लोग ही संभालेंगे.
डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मुझसे पूछते हैं कि छत्तीसगढ़ में कौन सी योजना अच्छी लगती है, मैं कहता हूं कि सभी योजना अच्छी लगती है, लेकिन प्रयास का कोई मुकाबला नहीं है. प्रयास से क्या आत्मविश्वास आया है बच्चों में, हौसले के साथ बच्चे आगे बढ़ रहे हैं. छत्तीसगढ़ के बेहतर भविष्य में इन बच्चों की बड़ी भूमिका होगी. यही सोच मेरी 15 साल पहले थी. सुदूर अंचल की यह चुनौती थी. रमन ने कहा कि ऐसा क्यों है कि विकास सिर्फ 15 सालों में ही नजर आता है? आखिर क्यों 70 सालों में काम नहीं हुआ. आज बस्तर में एजुकेशन हब बन रहा है, कलेक्टर कार्यालय बन रहा है. सड़कें, पुल-पुलियां बन रहे हैं. बजट पहले भी आता था, लेकिन खर्च नहीं होता था. आज बजट का 35 फीसदी हिस्सा हम उन क्षेत्रों के विकास के लिए खर्च करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि- अब तक बस्तर के आधे हिस्से में अँधेरा था. बड़ी चुनौती थी कि बिजली कैसे पहुंचाई जाए. मैंने तय किया कि मुख्यमंत्री होने के नाते 60 सालों से बनी इस चुनौती को स्वीकार किया. मैंने कहा बस्तर का कोई घर बिजलीविहीन नहीं होगा.
सीएम ने इस दौरान कांग्रेस की आलोचनाओं पर उन्हें जमकर आड़े हाथ लिया. सीएम ने कहा बस्तर में रोड कनेक्टिविटी के बाद अब हम टेलीकाॅम कनेक्विटी शुरू कर रहे हैं. स्काई योजना के तहत 40 लाख महिलाओं को स्मार्ट फोन दे रहे हैं. गरीब को मोबाइल बांट रहे हैं, तो कई लोगों के पेट में दर्द होता है. जिस पीढ़ी ने पीढ़ियों तक पीड़ा को झेला है. मैंने जब चावल की योजना शुरू की, तो लोग दुखी हो गए कि गरीबों को चावल खिलाता है. नमक देता है. चना देता है. आज मैं यह गर्व से कह सकता हूं कि छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई नहीं है, जो भूखा सोता हो. डॉ रमन सिंह ने कांग्रेस नेताओं पर हमले बोलते हुए कहा कि जब मैंने चरणपादुका की योजना बनाई, तो हमारे मित्र कहते थे कि वनवासी जूता कहां पहनता है. अरे भाई आपने कभी जूता दिया ही नहीं. छत्तीसगढ़ एक नए युग में प्रवेश कर रहा है. खेल में बच्चे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मैडल लेकर आ रहे हैं. अबूझमाड़ के बच्चे चमत्कार कर रहे हैं. यदि अवसर मिलेगा तो अबूझमाड़ के बच्चे दुनिया को दिखा देंगे बता देंगे कि आग हमारे अंदर है. उन्होंने कहा कि जहां-जहां आपके पैर में कांटा गड़ेगा. रमन उस कांटा को निकालने हमेशा खड़ा मिलेगा.
उधर आदिम जाति कल्याण मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जबसे नेतृत्व संभाला है तब से दूरस्थ इलाको में विकास की गाथा लिखी गयी. हर क्षेत्र में समाज आगे बढ़ रहा है. आज हमारे युवा डॉक्टर इंजीनियर बन रहे हैं. नक्सल प्रभावित जिलों के बच्चों का एनआईटी में चयन हुआ है. समाज को अगर पहले सुविधा मिली होती तो समाज कहां से कहां पहुंच जाता. मुख्यमंत्री का आशीर्वाद हमें मिला और समाज काफी आगे बढ़ गया है. हर विषय की चिंता मुख्यमंत्री ने की है. दूरस्थ इलाके में आज मेडीकल कॉलेज खुल रहे हैं.